सोरांव (इलाहाबाद) सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र – वैसे तो जरूरी संसाधन मौजूद है फिर भी ……

कनिष्क गुप्ता,

सोरांव, इलाहाबाद : सोरांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर वैसे तो जरूरी संसाधन मौजूद हैं फिर भी इसका लाभ मरीजों को नहीं मिल पाता। आमतौर पर गरीबों को झोलाछाप की शरण लेनी पड़ती है। दैनिक जागरण के अभियान ‘पड़ताल सरकारी अस्पताल’ में इस अस्पताल की कुछ ऐसी ही हकीकत सामने आई। हालांकि अधीक्षक का कहना है कि लोगों को मौजूद सुविधाओं का लाभ दिया जाता है।

इस सीएचसी पर खून की जांच, ईसीजी व एक्स-रे की सुविधा है। चाइल्ड स्पेशलिस्ट और फिजीशियन की भी तैनाती है। अस्थि रोग विशेषज्ञ भी नियुक्त हैं। मौजूदा समय में सात चिकित्सकों की तैनाती यहां है। चार विशेषज्ञ डॉक्टर संविदा आधार पर हैं। दो फार्मासिस्ट हैं। इसमें एक फार्मासिस्ट की ड्यूटी संगम पर माघ मेले में लगी थी लेकिन मेला खत्म हो गया और वह अभी तक यहां नहीं आए। दूसरे फार्मासिस्ट की ड्यूटी जिला मुख्यालय स्थित अस्पताल में संक्रामक रोग विभाग में लगी है। रमेश कुमार, संगीता देवी व आशा देवी का कहना है कि यहां आने पर समय से डॉक्टर नहीं मिलते हैं। डॉक्टर कब आएंगे और कब चले जाएंगे इसका कोई समय ही नहीं है। अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ, सर्जन आदि की तैनाती है। आपरेशन से प्रसव की सुविधा है, लेकिन ज्यादातर मामलों में प्रसूताओं को जिला मुख्यालय रेफर कर दिया जाता है। कुष्ठ रोग के उपचार के लिए दवाएं निश्शुल्क मिलती हैं लेकिन दवा देने वाले आम तौर पर नहीं मिलते। मशीनरी तालों में है। मरीजों को ज्यादातर बाहर की दवाओं पर निर्भर रहना पड़ता है। एंटी रैबीज का इंजेक्शन यहां नहीं मिलता। जीवन रक्षक दवाएं सिर्फ स्टॉक मे रहती है।

इस सम्बन्ध में अधीक्षक डॉ अनन्त 

बहादुर सिंह ने बात करते हुवे बताया कि ‘अस्पताल में सभी प्रकार की सुविधाएं मौजूद हैं। केंद्र सरकार की सभी योजनाओं को आशा के माध्यम से प्रचारित भी कराया जाता है। सभी सुविधाओं का लाभ मरीजों को दिया जाता है।’

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