बहराइच के जंगलों में स्तिथ है हसने वाला पेड़,,,पेड़ का तना सहलाने पर हिलने लगती हैं पत्तिया

नूरआलम वारसी//सुदेश कुमार
बहराइच मिहीपुरवा कर्तनिया वन्य जीव क्षेत्र प्राक्रतिक द्रष्टिकोण से काफी रहस्य समेटे हुये है लेकिन कुदरत के अजीब अजूबो में से एक अजूबा यंहा स्थित हसने वाला पेड़ भी है जिसे देखने के लिए हज़ारो की तादात में पर्यटक आते है और इस हसने वाले पेड़ का लुत्फ़ उठाते है
उतर प्रदेश के बहराइच में जनपद मुख्यालय  से 100 किलोमीटर दूरी पर कतर्नियाघाट जंगल है जो कतर्नियाघाट संरक्षित वन क्षेत्र इको पर्यटन के तौर पर विकसित है यहां पर अनेक प्रकार के जानवर जैसे बारहसिंघा, चीतल, हिरण, नीलगाय, घेरुआ नदी पर घड़ियाल, मगरमच्छ, डॉल्फिन ,अजगर,तेंदुआ, शेर समेत अनेक जानवर यँहा जंगल में पाए जाते हैं कुछ दिनो से इस क्षेत्र के बारे में चर्चा फैली हुई है कि यहां घने जंगलों में कहीं गुदगुदी का पेड़ पाया जाता है जिसका तना सहलाने पर इसकी पत्तिया व टहनियां हिलने लगती हैं
कर्तनिया के जंगलो मे हर साल हजारो की संख्या में पर्यटक आते हैं जिसमें से काफी पर्यटक इस पेड़ का आनंद लेने यहां जमा भी होते है आप जब भी इस पेड़ को देखने जायेंगे आपको हमेशा कुछ पर्यटक इसे घेरे हुये ही मिलेगे जो उसको सहला रहे या गुदगुदा रहे होगे जिससे अपको पेड़ की पूरी टहनियां हिलती हुई दिखाई देगी कुदरत के इस अजीब नज़ारे को देख कर विश्वास ही नहीं होता कि कोई वृक्ष ऐसा भी हो सकता है लेकिन यकीन मानिये ये सच है इस पेड़ को घेरे कई पर्यटक खड़े थे जिनमें से एक मैलानी जंक्शन से आए हुए मिर्जा मुस्तकीम बेग से जब इस बाबत बात की गई तो उन्होंने बताया कि ड्यूटी के दौरान अपने मोबाइल पर एक वायरल देखा उसके बाद वे कर्तनिया की हसीन वादियों में घूमने चले आए और तुरंत आते ही उन्होंने सबसे पहले उस पेड़ को देखा और दो से तीन बार उन्होंने भी ट्राई किया वास्तव में उन्हें उन्होंने एहसास किया कि वहां पर कुछ है जो गुदगुदी के तरीके से महसूस होता है

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