हवलदार ने अकेले ही किया मां-बेटे का कत्ल

कनिष्क गुप्ता 

 इलाहाबाद : हवलदार ने अकेले ही शीला और उसके मासूम बेटे हिमांशु का कत्ल किया। शीला की बेवफाई पर उसने ऐसा कदम उठाया। सोमवार को पुलिस को पूछताछ में आरोपित प्रेमी हवलदार ने यही बताया। उसका यह भी कहना है कि वह शीला को बहुत चाहता था। शीला उसके साथ दो बार भागी थी। एक बार तो किसी को पता भी नहीं चला था। दिल्ली से लौटने के बाद उसने फिर शीला को मोबाइल दिया था और बातचीत करता था। इतना ही नहीं सामने घर होने के कारण शीला की गतिविधि पर भी नजर रखता था।

शनिवार शाम जब शीला मायके जाने की बात कहकर घर से निकली तो यह बात उसे भी पता चल गई। शीला चफरी गांव न जाकर सीधे सुजनीपुर बाजार पहुंची। वहां उसने एक दुकान से अपने लिए नई सैंडिल और कुछ अन्य सामान खरीदा। इसके बाद चौराहे पर खड़ी होकर किसी से लगातार बातचीत फोन पर करती रही। इसी बीच वहां हवलदार पहुंच गया तो शीला चौंक गई। कहा कि हम किसी से मिलने जा रहे हैं। इस पर उनके बीच कहासुनी तो हवलदार बात करते-करते उसे आगे ले गया। जहां झगड़ा हुआ तो पहले उसके सिर पर जोरदार प्रहार किया और फिर गला दबाकर मार डाला। बच्चे का भी गला घोटने के बाद दोनों को गेहूं के खेत में फेंक दिया। हवलदार ने यह भी बताया कि उसकी प्रेमिका किसी दूसरे शख्स से मिलने के लिए निकली थी। शीला को पैसा और दूसरे सामान भी मुहैय्या कराता था। इसके बाद भी उसने बेवफाई की। इसी कारण उसने घटना को अंजाम दिया। रविवार सुबह सोरांव थाना क्षेत्र के कल्यानशाह का पुरा गांव में गेहूं के खेत में मां-बेटे की लाश मिली थी।

पड़ोसी महिला के मोबाइल पर 70 बार कॉल

सोरांव, इलाहाबाद : मां-बेटे हत्याकांड की तफ्तीश में जुटी पुलिस को चौंकाने वाले तथ्य हाथ लगे। शीला के पड़ोस में रहने वाली कथित शांति के मोबाइल की जब पुलिस ने जांच की तो पता चला कि 70 बार एक ही नंबर पर बातचीत हुई। वह नंबर दूधिया रामनाथ यादव का है, जो दूसरे गांव का रहने वाला है। रामनाथ और शांति दोस्त बताए जा रहे हैं। पुलिस दोनों को उठाकर कड़ाई से पूछताछ कर रही है। तफ्तीश में यह भी पता चला है कि शीला की कथित ननद शांति का कई लोगों से जान पहचान थी। ऐसे में उन लोगों के बारे में सही जानकारी जुटाने के लिए पुलिस सभी के मोबाइल की कॉल डिटेल रिपोर्ट निकलवा रही है। पुलिस का दावा है कि सीडीआर आने पर शीला किससे मिलने जा रहे थे, यह भी पता चल जाएगा। सोमवार को पुलिस एक बार फिर मृतका के गांव सकरामऊ पहुंचकर पति सुभाष और बच्चों से पूछताछ की।

 शादी तोड़कर भागी थी शीला –

कहा जा रहा है कि नवाबगंज के चफरी गांव की शीला रिश्ते में दूर की सुभाष की मौसी लगती थी। शीला की पहली शादी सोरांव के पसियापुर गांव मे हुई थी। इंस्पेक्टर सोरांव सुरेन्द्र नाथ ने बताया कि शादी के बाद शीला दोबारा ससुराल नहीं गई। सुभाष से उसकी आंखें चार हुई तो वह उसके साथ जीने मरने की कसम खाते हुए सकरामऊ भाग आई। परिजनों ने जब इसका विरोध किया और बात पंचायत में पहुंची तो सुभाष ने पंचायत का जुर्माना अदा कर दिया और शीला को लेकर पत्नी के रूप मे रहने लगा। सुभाष के साथ रहने के दौरान शीला कभी अपने मायके नही गई थी। लेकिन शनिवार को वह बेटे हिमांशु के साथ शीला मायके जाने के बहाने घर से निकली थी।

आरोपित ने पहले बदला बयान –

पुलिस का दावा है कि हत्यारोपित हवलदार ने पहले बयान बदला, लेकिन कड़ाई से पूछताछ में उसने पूरी बात बता दी। शुरुआत में उसने कहा कि उसके चेहरे गेहूं का बोझ उठाते हुए आई थी। घटना के वक्त वह गेहूं पिसाने चक्की पर गया था। वहीं कथित ननद शांति भी पुलिस को गोलमोल घुमाती रही, लेकिन जब रामनाथ यादव उसके सामने आया तो वह टूट गई। इसके बाद ऐसी जानकारी दी, जिसे सुन पुलिस वाले भी चौंक गए। फिलहाल पुलिस कहना है कि कत्ल की गुत्थी सुलझ रही है। सीडीआर आने पर सभी पहलू साफ हो जाएंगे।

बच्चों को मिली पड़ोसी के घर पनाह –

सोमवार को भी सकरामऊ गांव का माहौल गमगीन रहा। दोनों बच्चों को पता चला कि उनकी मां व भाई नहीं रहे तो बिलख पड़े। पड़ोसी महिलाएं उन्हें ढांढस बंधाकर शांत करती रहीं। घर में सन्नाटा होने के कारण बच्चों को पड़ोसियों ने अपने ही घर में रख लिया। घटना की जानकारी होने पर तमाम रिश्तेदार भी वहां पहुंचे। फिलहाल पुलिस पति सुभाष से भी लगातार पूछताछ कर रही है।

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