जवान का पार्थिव शरीर आते ही गांव हुआ शोकाकुल, हृदयाघात से हुई थी मौत

अंजनी राय

बलिया।। सीमा सुरक्षा बल में तैनात पलियाखास निवासी महेंद्र ठाकुर का पार्थिव शरीर मंगलवार को गांव पहुंचते ही शोक की लहर दौड़ गई। सीमा सुरक्षा बल किशनगंज (बिहार) के 167वीं बटालियन में तैनात महेंद्र ठाकुर (52) की ड्यूटी इस समय बंगलादेश की सीमा पर चांदगंज में थी। वहीं सोमवार को यूनिट में ही अचानक उनकी तबीयत बिगड़ने पर जवान आनन फानन में सेना के अस्पताल ले गए। इलाज के दौरान हृदयगति रुकने से मौत हो गई।

जवान अपने साथी का पार्थिव शरीर सेना के वाहन के साथ पलियाखास लेकर पहुंचे। साथी के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। पार्थिव शरीर पहुंचते ही महेंद्र राजभर अमर रहे से पूरा इलाका गूंज उठा। ये तीन भाइयों में मझले भाई थे और छोटा भाई सैलून की दुकान चलाता है। बड़ा भाई जीवित ठाकुर भी सेना में तैनात थे। इनका देहांत 12 मार्च को ह्दयगति रुकने से हो गई। 1992 में असम से भर्ती हुए थे। उनके तीन लड़के और एक लड़की है। जिसमें बड़े लड़के की शादी हो गई है। दाह संस्कार पलियाखास गंगा तट पर किया गया। मुखाग्नि उनके बड़े पुत्र धनंजय ठाकुर ने दी। शवयात्रा में शिवनारायण यादव, प्रधान सत्येंद्र गोंड, सरोज राही, अजीत, गजाधर, रघुनाथ यादव सहित सैकड़ों लोग मौजूद थे। दो माह की छुट्टी काटकर 24 मार्च को ही वे ड्यूटी पर गए हुए थे।

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