कानपुर जिला सुचना कार्यालय का एक बाबू दीक्षित नहीं जानता है उर्दू भाषा की अहमियत ही क्या है

निजामुद्दीन   

कानपुर।। एक तरफ सरकार सबको बराबर का दर्जा देने और सबका विकास की बात कर रही है!वही दूसरी तरफ अल्पसंख्यक के साथ भेदभाव वयवहार सरकार के मातहत ही कर रहे है!उर्दू भाषा को नज़र अंदाज़ किया जा रहा है और उर्दू अखबारों की खिल्ली उड़ाई जा रही है!यह सब कही और नहीं जिला सूचना कार्यालय में हो रहा है!हुआ यु की एमएलसी चुनाव एवं विधानसभा चूनाव मे रिपोर्टिंग के लिए उर्दू अख़बार मोहसिन टाइम्स के सम्पादक चुनाव मीडिया पास बनवाने पहुंचे!जिला सूचना में बाबू दीक्षित ने साफ़ लफ़्ज़ों मए माना कर दिया की वह उर्दू साप्ताहिक अखबार का मीडिया पास नहीं बनाएगे !

इसकी वजह पूछने पर उन्होंने कहा उर्दू अखबार पढ़ता कौन है और आज के दौर मे उर्दू भाषा की क्या एहमियत है !यह तो सिर्फ मदरसो ही मे पढ़ने पढ़हाने के लिए है !उर्दू अखबार के सम्पादक ने जब इसका विरोध किया तो उनसे कार्यालय से निकल जाने को कहा वर्ना अख़बार बंद करने की धमकी दी गई!इसकी जानकारी जब उर्दू अखबारो को हुई तो उनमे नाराज़गी और गुस्सा बढ़ गया !इसके विरोध मे प्रदर्शन का मन बनाया गया !लेकिन चुनाव के मद्देनज़र इससे रद्द कर दिया गया!अब सम्बंधित अधिकारी के खिलाफ वरिष्ठ अधिकारियों से शिकायत की जा चुकी है !उर्दू भाषा से सौतेला बर्ताव करने ,सम्पादक की बेइज़्ज़ती करने,उनका मीडिया पास ना बनाये जाने की जांच कराने की माँग की गई है!संबंधित अखबार के सम्पादक का कहना है की जिला सूचना कार्यालय मे उनके साथ जिस तरह अभ दर्ता की गई है उसकी जितनी निंदा की जाये कम है !उक्त अधिकारी की बुरे बर्ताव से उनकी तबियत बिगड़ गई और दिल मे दर्द होने लगा!अब वरिष्ठ अधिकारियो को पत्र भेज कर सारे मामले पर हस्तेक्षप करने तथा उर्दू भाषा व अख़बार के नीची नज़र से देखे जाने पर करवाई की मांग की गयी है !

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