शशिकला हत्याकांड का मुख्य आरोपी को आजीवन कारावास की सजा
यशपाल सिंह
आजमगढ़. जहानागंज क्षेत्र के नाजिरपुर सरया गांव में साढ़े तीन वर्ष पूर्व हुए शशिकला हत्याकांड में अदालत ने दोषी पाए जाने पर एक महिला को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसी के साथ ही कोर्ट ने उक्त महिला पर दस हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। यह फैसला जिला एवं सत्र न्यायाधीश सैयद आफताब हुसैन रिजवी ने मंगलवार को मुकदमे की सुनवाई के दौरान सुनाया।
अभियोजन कथन के अनुसार जहानागंज थाना क्षेत्र के नाजिरपुर सरया गांव निवासी व वादिनी मुकदमा लालमती देवी पत्नी मोहित राजभर अत्यंत गरीब महिला है। वह मजदूरी करके अपने परिवार का जीवन-यापन करती है। वादिनी के गांव के ही निवासी चंद्रभूषण पुत्र बिज्जन राजभर, किशन देवी पत्नी चंद्रभूषण, संध्या पुत्री चंद्रभूषण जो अवैध शराब बेचने का धंधा करते हैं। 20 सितंबर 2013 को सुबह करीब 6 बजे दो अज्ञात व्यक्ति किशन देवी से शराब खरीदा और वादिनी मुकदमा के दरवाजे पर आए। वादिनी की पुत्री शशिकला से शराब पीने के लिए गिलास मांगने लगे। शशिकला गिलास देने से इंकार कर दिया। करीब आधे घंटे बाद चंद्रभूषण अपने हाथ में डंडा, किशन देवी अपने हाथ में मिट्टी का तेल और संध्या हाथ में माचिस लेकर यह कहते हुए आयी कि साली को आज ¨जदा जला कर जान से मार दिया जाएगा। तीनों लोगों ने शशिकला को पकड़कर उसके ऊपर मिट्टी का तेल उड़ेल दिया और आग लगा दी। शोरगुल सुनकर वादिनी लालमती आयी पर उसे बचा न सकी। शशिकला को लेकर परिजन सदर अस्पताल पहुंचे। जहां इलाज के दौरान शशिकला की मृत्यु हो गयी। पुलिस में उक्त तीनों आरोपितों के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कर चार्जशीट न्यायालय में प्रस्तुत किया। डीजीसी श्रीश कुमार चौहान ने वादी मुकदमा समेत कुल 10 लोगों को बतौर गवाह कोर्ट में परीक्षित किया। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने मंगलवार को शशिकला हत्याकांड में दोषी पाए जाने पर किशन देवी को आज सजा सुना दिया