24 सालों से अभेद्य है इस राजा का ‘किला’
जावेद अंसारी
महज 24 साल की उम्र में अपना राजनीतिक सफर शुरू करने वाले राजा भैया ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर अपना चुनाव जीता था. रघुराज प्रताप सिंह कहते हैं, ‘मैं वोट के लिए रैलियां नहीं करता, बल्कि अपने लोगों को आशीर्वाद मांगता हूं।’ जनता भी बहुत उदार होकर अपना आशीर्वाद राजा भैया को देती आई है। तभी तो 1993 से वह लगातार निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर यहां से चुनाव जीत रहे हैं। उनकी जीत का अंतर 60,000 से 80,000 वोटों के बीच रहता है। 2012 के चुनाव में तो यह 88,000 वोटों को पार कर गया था, जो कि प्रदेश में सबसे ज्यादा है।
इस बार चुनावी मैदान में पांच अन्य प्रत्याशी भी हैं, जबकि एसपी और कांग्रेस ने उन्हें वॉकओवर दे दिया है। ऐसे में सवाल सिर्फ यह है कि क्या राजा भैया जीत का अपना ही रेकॉर्ड तोड़ेंगे? जिला पंचायत सदस्य बबलू सिंह को इसमें कोई शक नहीं। वह कहते हैं, ‘लोग जानते तक नहीं कि दूसरे प्रत्याशी कौन हैं।
जानिए, दबंग राजा की 10 दिलचस्प बातें…
1- रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया का जन्म 31 अक्टूबर, 1967 को प्रतापगढ़ के भदरी रियासत में हुआ है.
2- उनके पिता का नाम उदय प्रताप सिंह और माता मंजुल राजे है. मंजुल राजे भी एक शाही परिवार की है.
3- रघुराज प्रताप सिंह को राजा भैया और तूफान सिंह के नाम से भी जाना जाता है.
4- राजा भैया को घुड़सवारी का बहुत शौक है. एक बार घोड़े से गिरने से उनकी दो पसलियां टूट गईं.
5- राजा भैया बुलेट, जिप्सी के साथ ही हेलीकॉप्टर की सवारी का शौक रखते हैं.
6- 1993 में हुए विधानसभा चुनाव से उन्होंने राजनीति में कदम रखा था. तब से वह लगातार विधायक बने हुए हैं.
7- मंदिर आंदोलन के दौर में मुलायम ने उनका विरोध किया था. उन पर दंगों में भूमिका निभाने का आरोप था.
8- यूपी में राजा भैया ठाकुरों और ब्राह्मणों की विरोधी राजनीति की एक धुरी बन चुके हैं.
9- दबंग राजा को अपने पिता से डर लगता था. बचपन में वह उनसे कभी आंख भी नहीं मिला पाते थे.
10- उनके पास करीब 200 करोड़ से ज्यादा चल-अचल संपत्ति बताई जाती है. इसमें पैतृक संपत्ति भी शामिल है.