झोला छाप डाक्टर की सेटिंग हो जब सीएमओ आफिस में तो डर फिर काहे का
कानपुर थाना चकेरी अंतर्गत लाल बंगला स्थित जगई पुरवा में धड़ल्ले से चल रहा है झोलाछाप डाक्टर धीरेंद्र राव का काला कारोबार थम नहीं रहा है। जी हां अगर सही मायनों में कहा जाए जाये तो ये है मौत के सौदागर डाक्टर धीरेंद्र राव जिसकी खबर विगत दिनों पहले हमारे यूट्यूब चैनल पर प्रमुखता से प्रकाशित की गई थी जिस पर शासन प्रशासन के द्वारा कोई कार्रवाई नही हुई और आखिर कार्रवाई हो भी क्यूँ क्योंकि इन झोला छाप डाक्टरों की सेटिंग जो है.
हमारेमारे द्वारा एक वीडियो प्रकाशित किया गया था तो हमारे सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार झोलाछाप डाक्टर ने लाल बंगले में बड़े ही गर्व से छाती ठोक कर दावा किया था की मुझे कोई दिक्कत नही मेरा कारोबार ऐसे ही चलेगा जैसे वर्षो से चल रहा है मेरी सेटिंग सीएमओ आफिस में है वहाँ मेरा भाई ऊंचे पद पर है। साहेब पहले तो लगा था कि ये झोलाछाप धीरेंद्र राव हवा में तीर चला रहा है लेकिन कोई कार्रवाई न होना साफ दर्शा रहा है कि वाकई इन झोलाछाप डाक्टरों की सेटिंग सरकारी विभाग में ऊपर तक रहती है और उन्ही के दम पर चलता है मौत बेचने का काला कारोबार. गरीब तबके के लोगों की जान से खेलने का काला कारोबार कह सकते है साहब इसको. स्वास्थ विभाग शांत है, सीएमओ साहब शांत है. जब हमने इस सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त किया तो प्राप्त जानकारी काफी अचंभित करने वाली रही. भाई के डिग्री पर खुद डाक्टर बने साहब के एक रिश्ते के भाई सीएमओ आफिस में कद्दावर
पद पर है और उनका संरक्षण इनको हासिल है. सीएमओ साहब क्या करेगे ? जांच तो मुझको ही करनी है के तर्ज पर भाई ने भाई का रिश्ता निभा दिया और खेल रहे है मासूम लोगो के जान से ये डाक्टर बने हुवे साहब. साहेब कब तक यूंही चलता रहेगा ये काला कारोबार ? आखिर आपके विभाग द्वारा कब संज्ञान लिया जायेगा ? आखिर धीरेंद्र राव जैसे और कितने झोलाछाप अपने भाईयों के दम बनेे बैठे है मौत के सौदागर ? क्या अधिकारी किसी बड़ी अनहोनी का कर रहे हैं इंतजार ? आखिर कितनी ऊपर तक जाता है सेटिंग का पैसा जो इन झोलाछाप डाक्टरों पर नही होती कार्रवाई ? झोलाछाप द्वारा अगर हुई अप्रिय घटना तो कौन होगा जिम्मेदार ? ये सवाल अभी भी अनसुलझे है.