रिटायर पुलिस की हत्या में पुलिस उसके बेटे क्यों मान रही हैं हत्यारा ?
यशपाल सिंह
आजमगढ़ : महराजगंज कस्बा के सहदेवगंज मोड़ के समीप मंगलवार की रात को रिटायर सिपाही की हत्या में वांछित चल रहा पुत्र पुलिस पकड़ से दूर है। आरोपी पुत्र की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने कई स्थानों पर छापेमारी की, पर उसे कोई सफलता हाथ नहीं लगी। इस हत्याकांड में बेटा को ही पुलिस मुख्य कातिल मान रही है।
महराजगंज थाना क्षेत्र के सैदपुर गांव के मूल निवासी 65 वर्षीय लालजी यादव पुत्र स्व. साधू यादव चार वर्ष पूर्व गोरखपुर जिले से सिपाही के पद से रिटायर हुआ था। भाइयों से मतभेद के चलते वह वह अपना अलग मकान बनवाकर रहता था। पत्नी प्रभावती से भी उसके संबंध अच्छे नहीं थे। जिसके चलते उसकी पत्नी 25 साल से अपने बच्चों को लेकर मायके में रह रही है। एक साल से सिपाही महराजगंज कस्बा के सहदेवगंज मोड़ पर किराये के मकान में एक साल से रह रहा था। मंगलवार की रात को उसकी धारदार हथियार से प्रहार कर व गला रेत कर हत्या कर दी गई थी। मकान मालिक के बेटा मुबारक जहां की तहरीर पर पुलिस ने मृत सिपाही के छोटा पुत्र त्रिलोकी यादव के खिलाफ हत्या की धारा में मुकदमा दर्ज कर लिया था। मुकदमा दर्ज करने के बाद से ही पुलिस आरोपी पुत्र की तलाश कर रही है। छापेमारी के बाद भी वह दूसरे दिन भी पुलिस के हाथ नहीं लगा। एसपी ग्रामीण नरेंद्र प्रताप ¨सह का कहना है कि मृत सिपाही लालजी के तीन पुत्र व तीन पुत्रियां हैं। वह अपने बच्चों व पत्नी से पच्चीस साल से अलग रहता था। उनको न तो रुपये देता था और न ही प्रापर्टी देना चाहता था। वह अपनी भूमि आदि को बेचना चाह रहा था। दस दिन पूर्व उसका बड़ा बेटा नागेंद्र उसके पास आकर रह रहा था। जबकि हत्या से एक दिन पूर्व उसकी पत्नी व छोटा पुत्र त्रिवेणी भी लालजी के पास आए थे। रुपये व संपति को लेकर उनमें झगड़ा भी हुआ था। पुलिस को शक है कि मां की साजिश में बेटों ने ही मिलकर अपने पिता की हत्या की है।