कुम्भ अवधि में प्रयाग आगमनपर नहीं लगेगा टोल टैक्स: योगी
मो आफताब फ़ारूक़ी
इलाहाबाद। मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने कहा कि पहली बार कुम्भ मेले के साथ प्रयाग नगर को सवारने का काम तेजी से किया जा रहा है। श्रद्धालुओं को शौगात देते हुए उन्होंने निर्देश दिया कि प्रयाग आने वाले मार्गो पर कुम्भ के दौरान टोल टैक्स न लिया जाय।
उन्होंने प्रशासन से कहा कि सभी विकास कार्यो को गुणवक्ता के साथ समय से पूरा किया जाय। शनिवार को एक बड़ी घोषण करते हुए कहा कि प्रयाग को देश के हर कोने से रेल और सड़क मार्ग से जोड़ा जा रहा है। इसलिए कुम्भ अवधि में प्रयाग आने वाले मार्गो पर टोल टैक्स न लिया जाय। प्रयाग तक विशेष टेªने चलायी जाने के साथ-ैसाथ इलाहाबाद ेको देश के प्रमुख नगरों को वायुसेवा से भी जोड़ा जा रहा है। उन्होंने सभी देश वासियों का आवाहन करते हुए कहा कि कुम्भ आयोजन को सुन्दर बनाने से प्रयाग की महिमा का गुणगान होगा, यह हमारे सौभाग्य का विषय है।
योगी ने कहा कि कुम्भ के दौरान गंगा-यमुना में जो जल आयेगा, वह अत्यंत शुद्ध होगा। श्रद्धालुओं को पूरे कुम्भ की अवधि पर्यन्त शुद्ध गंगा जल निरन्तर उपलब्ध रहेगा। 15 दिसम्बर 2018 से 15 मार्च 2019 तक गंगा, यमुना तथा उनकी सहायक नदियों में कोई कचरा नहीं प्रवाहित होगा तथा श्रद्धालुओं की पूर्णतया शुद्ध जल स्नान के लिए उपलब्ध रहेगा।
उन्होंने अखाड़ा परिषद के महात्माओं तथा सभी अधिकारियों को आवाहन करते हुए कहा कि यह एक भव्य एवं दिव्य आयोजन है। जिसमें देश और दुनिया से आने वाले श्रद्धालुओं के आतिथ्य के लिए न केवल प्रयाग के नागरिक बल्कि अखाड़ों के संत, महात्मा और प्रशासन के लोग भी पूरे मनोयोजन से तैयार रहें। इस आयोजन के माध्यम से हमें पूरे भारत की छवि को दुनिया के सामने निखारने का एक सुअवसर और सौभाग्य प्राप्त होगा।
इस आयोजन के द्वारा हमें पूरे भारत को एक स्वच्छ तथा सुसंस्कृत देश के रूप में पूरी दुनिया को दिखाना है। इस बार 15 दिसम्बर से 15 मार्च के बीच कुम्भ के दौरान देश के 6 लाख गांवों के लोग इस आयोजन में पधारेंगे तथा इस उत्सव को देखने के लिए दुनिया के 192 देशों के लोग इसमे भाग लेंगे। इस दृष्टिकोण से इस आयोजन को सजाने की तैयारी अभी से पूरी कर ली जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि न केलव मेला क्षेत्र में बल्कि पूरे प्रयागराज में कहीं गंदगी न रहे। हर चैराहा विशिष्ट सांस्कृतिक कार्यक्रमों से गुलजार रहे। अभी से संगम तट के स्वच्छ रखने की व्यवस्था की जाय। प्रयागराज में जितने भी धर्म स्थल हैं, उनके विकास की योजना इस तरह बनायी जाये कि उनको देखकर हर पर्यटक और तीर्थयात्री को कुम्भ की दिव्यता की आभास हो।