गंगा दशहरा पर घाट़ों पर उमड़ा आस्था का सैलाब
प्रदीप दूबे विक्की
औराई भदोहीगं। गंगा दशहरा पर्व के अवसर पर गुरुवार को मोक्षदायिनी के घाटों पर आस्था का संगम उमड़ पड़ा। इस दौरान लोगों ने मां गंगा की अविरल धारा में डुबकी लगा पापों और कष्टों से निजात पाने की अर्चना की। साथ ही माता रानी का पूजन अर्चन किया। उधर एकादशी को लेकर लोगों में खासा उत्साह देखा जा रहा है ।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार हजारों वर्ष तक महाराज भगीरथ द्वारा तपस्या की गई थी ।जिसके बाद मां गंगा का अवतरण धरती पर हुआ। उनके बेग से सब कुछ तहस-नहस ना हो जाए, इसके लिए भगवान शिव ने उन्हें अपनी जटा में लपेट लिया। और कुछ हिस्सों को धरती पर छोड़ा। जिसके बाद माता रानी ने महाराज भगीरथ के पूर्वजों को पापों से मुक्ति दिलाई थी ।ऐसी मान्यता है कि गंगा दशहरा के दिन मोक्ष्यदायिनी की अविरल धारा में डुबकी लगाने से मनुष्य के न सिर्फ पाप व कष्ट धुल जाते हैं ।बल्कि उनकी कृपा से पीढ़ियां तर जाती हैं ।दशहरा पर्व के मद्देनजर सुबह से ही लोंगो का गंगा स्नान के लिये तॉतॉ लग गया, लोग भारी तादाद में गंगा घाट, भोगॉव, पचेवरा, घाट पर पहुंचकर डुबकी लगाई।ध्यान,पूजन-दर्शन का क्रम देर शाम तक चलता रहा ।इस दौरान भारी तादाद में लोगों ने मां विंध्यवासिनी के दरबार में विन्ध्याचल जाकर दरबार में हाजिरी लगाई।