नहीं मिलने दिया पीएम से ज्ञापन देने जा रहे किसानों को पुलिस प्रशासन ने जबरन रोका
पेट के बल पर प्रदर्शन के दौरान 1 महिला की हालत हुई खराब
सरताज खान
गाजियाबाद / लोनी रविवार को लोनी में मंडोला के धरनारत किसानों ने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार समाधान मार्च निकाला। पहले से ही एडीएम, एसपी देहात, एसडीएम लोनी, सीओ लोनी, तहसीलदार जनपद के कई थाना प्रभारी व भारी पुलिस बल मौके पर तैनात रहा। पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने दिल्ली-सहारनपुर मार्ग पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रोग्राम के मद्देनजर मार्च को बागपत की सीमा पर ही रोक दिया। इस पर किसान भीषण गर्मी में जमीन पर लेट – लेटकर घुटनो के बल आगे बढ़ने लगे। जिन्हें रोकने के लिये पुलिस को काफी कड़ी मशक्कत से जूझना पड़ा। किसान प्रधानमंत्री की सभा स्थल खेकड़ा में पहुंचकर अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन सौपना चाहते थे।
इसको लेकर किसानों व पुलिस के बीच हल्की नोक-झोक भी हुई। लेकिन पुलिस ने किसानों को आगे नहीं जाने दिया गया। किसान सड़क पर ही धरने पर बैठ गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।बता दें कि उत्तरप्रदेश आवास विकास परिषद की मंडोला विहार परियोजना के अधिग्रहण से प्रभावित मंडोला, अगरौला, नानू, नवादा, पंचलोक व मिलक बामला आदि छह गांवों के किसान 2 दिसंबर 2016 से अपनी विभिन्न मांगों को लेकर मंडोला गांव में धरने पर बैठे हुए है। उनकी मांग है कि उन्हें भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 के तहत मुआवजे के समस्त लाभ मिलने चाहिए। इसको लेकर वह अनेकों तरह से अंदोलन चला चुके है, लेकिन आज तक उनकी समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ है। शुक्रवार को धरनारत किसानों ने प्रधानमंत्री की सभा स्थल तक मार्च निकालकर उनको ज्ञापन देने की घोषणा की थी। इसके तहत रविवार को सुबह 11 बजे धरना स्थल से किसान नेता मनवीर तेवतिया की अगुवाई में मार्च शुरु किया।
जैसे ही दिल्ली-सहारनपुर मार्ग पर किसान बागपत की सीमा नानू गांव के सामने पावर ग्रिड पर पहुंचे तो पुलिस ने उनको रोक दिया। पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी किसानों को वहीं पर ज्ञापन देने के लिए समझाने लगे, लेकिन किसान प्रधानमंत्री की सभा स्थल तक जाने की जिद पर अड़े रहे और जब पुलिस ने जाने नही दिया तो जमीन पर लेट-लेटकर घुटनों के बल आगे बढ़ने लगे। भीषण गर्मी में जमीन पर लेट कर घुटनों के बल काफी दूर तक आगे बढ़े। इससे किसानों का बुराहाल हो गया। जिससे उनके कपड़े तक फट गए। इस दौरान एक महिला किसान जयवती बेहोश हो गई, जिसको एंबुलेंस के जरिए तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया। इसको लेकर किसान उत्तेजित हो गए और रोड पर आगे बढ़ते हुए प्रदेश व केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करने लगे। इस दौरान अधिकारी उन्हें समझाने बुझाने लगे, लेकिन किसान ज्ञापन देने के लिए जिलाधिकारी को मौके पर बुलाने की मांग पर अड़ गए और दिल्ली-सहारनपुर मार्ग पर धरने पर बैठ गए थे। बाद में प्रशासन के मान-मनौव्वल के बाद किसानों ने एडीएम को ज्ञापन सौंपा और प्रदर्शन समाप्त किया।