बरेली कॉलेज में दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का समापन

 करिश्मा अग्रवाल 

 खीचों न तीर कमानों से, न तलवार निकालो  
 जब तोप मुकाबिल है तो बस अखबार निकालो। 

बरेली कॉलेज के इतिहास विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार जिसका विषय: उत्तर प्रदेश में गांधी युगीन हिन्दी पत्रकारिता और स्वधीनता संघर्ष” निर्धारित था’ का 5 फरवरी को समापन हो गया। इस सत्र की मुख्य अध्यक्षा डॉ० अनीता प्रकाश थी। हल्द्वानी कॉलेज के एसो० प्रोफेसर डॉ० सिराज मोहम्मद  ने अपने शोध पत्रकारिता के माध्यम से बताया कि तिलक की पत्रकारिता कैसी थी व १९२० के बाद पत्रकारिता का स्वरूप किस प्रकार बदल गया व अभिव्यक्ति का रूप भी परिवर्रितत हो गया।

इसके अतिरिक्त अम्रता सिंह, स्वसुधा कुलस्रेठ, डॉ० बीनू यादव, डॉ० रूपाली सोना, सोनम ने अपने शोध पत्रों के माध्यम से पत्रकारिता व जनचेतना पर प्रकाश डाला। डॉ० अनिल मिश्रा ने 1920 से प्रकाशित अखबार व इन अखबारों ने कैसे तत्कालीन समाज व राजनीतिक विचारधारा को एक दिशा दी, इस पर प्रकाश डाला। सत्र  अध्यक्षा डॉ० अनीता प्रकाश ने अध्यक्षीय उद्बोधन दिया। सत्र संचालन डॉ० वंदना शर्मा ने किया। सेमिनार का आयोजन सचिव तथा विभागाध्यक्षा (इतिहास विभाग, बरेली कॉलेज) डॉ० संध्या मिश्रा ने प्रस्तुत समस्त शोध पत्रों का सार प्रस्तुत करते हुए निर्धारित विषय की प्रांसगिकता को स्पष्ट करा व धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कार्यक्रम की सफलता पर सबको बधाई दी। सेमिनार के सफलतम आयोजन में इतिहास विभाग के डॉ० अशोक कुमार, डॉ० रूपाली सोना, रक्षा सिंह, डॉ० शफीकउद्दीन, डॉ राहुल अवस्थी, मनसी, सोनम, गीतांश यादव आदि का सहयोग रहा।

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