जानिए, कैसे गणित के कठिन सवाल चुटकी बजाते ही होंगे हल, यूपी बोर्ड की पहल
कनिष्क गुप्ता
इलाहाबाद । गणित से जी चुराने वाले या उसमें अरुचि रखने वाले छात्रों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। यूपी बोर्ड ने गणित की जटिलता को वैदिक गणित के जरिए सुलझाने की एक नई पहल की है। जी हां, यूपी बोर्ड ने भी सीबीएसई की तर्ज पर अपने पाठ्यक्रम में वैदिक गणित को शामिल किया है।
यूपी बोर्ड सीबीएसई का पाठ्यक्रम अपनाने के साथ ही वैदिक गणित की पढ़ाई इसी सत्र से शुरू कर रहा है। प्रथम चरण में इसे कक्षा नौ व दस में शामिल किया गया है। हालांकि, बोर्ड का कहना है कि कक्षा 11 व 12 में इसे शामिल करने पर भी मंथन चल रहा है। बोर्ड की मंशा है कि हाईस्कूल में इसके प्रभाव को देखने के बाद इंटर के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए।
यह तय हुआ है कि फिलहाल कक्षा नौ व दस में ही इसकी पढ़ाई होगी। आमतौर पर गणित के प्रश्न छात्र-छात्राओं के लिए कठिन माने जाते हैं। इसीलिए, हाईस्कूल के बाद छात्र-छात्राएं अपनी रुचि के अनुसार आगे की पढ़ाई करते हैं।
25 वर्ष पहले कल्याण सिंह के मुख्यमंत्रित्व काल में यह विषय शामिल किया गया था। बाद में इससे किनारा कर लिया गया। इस विषय की खूबी है कि सूत्रों के जरिए गणित के कठिन सवाल चुटकी बजाते हल किए जा सकते हैं। प्रदेश सरकार का जोर यह है कि माध्यमिक शिक्षा परिषद के 26 हजार से अधिक कॉलेजों में ऐसी पढ़ाई हो। इसके साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में भी उपयोगी बनाया जा रहा है।
इसी को ध्यान में रखकर पहले सीबीएसई का पाठ्यक्रम अपनाया गया। बाद में वैदिक गणित को भी शामिल करने का निर्देश हुआ। बोर्ड के विषय विशेषज्ञों ने वैदिक गणित को 9वीं व 10वीं कक्षा में जगह दे दी है। लेकिन वह लिखित परीक्षा में बड़ा उलटफेर करने से बचने के लिए इसका इम्तिहान प्रोजेक्ट कार्य के जरिए करा रहा है।
30 अंकों के प्रोजेक्ट कार्य में 10 अंक के सवाल इसी विषय से होंगे। अब दोनों कक्षाओं में छात्र-छात्राओं को इसी सत्र से वैदिक गणित के सवालों का जवाब देना होगा। बोर्ड के शोध विभाग ने इसके लिए अलग किताब तैयार कर ली है। इस कदम से परीक्षा और प्रश्नपत्र का स्वरूप बदले बिना विषय को भी समाहित किया गया है।