निर्दलीय होकर भी बेफ़िक्र राजा भैया
जावेद अंसारी
कुंडा की पहचान रघुराज प्रताप सिंह के नाम से मानी जाती है, राजा भैया कुंडा सीट से पांच बार निर्दलीय विधायक बन चुके हैं, इस बार इनके खिलाफ भाजपा के जानकी प्रसाद पांडेय है, प्रतापगढ़ के भदरी राजघराने के राजा भैया कई दल बदल चुके हैं, इनकी छवि बाहुबली नेता की है, राजा भैया भाजपा की कल्याण सिंह, राजनाथ सिंह और राम प्रकाश गुप्ता की सरकार में मंत्री रह चुके हैं, इसके बाद मायावती सरकार में इनके ऊपर पोटा लगा था लेकिन मुलायम सरकार पोटा हटा कर राजा भैया को कैबिनेट मंत्री बनाया था, इसके बाद अखिलेश सरकार में मंत्री थे, लेकिन कुडा के सीओ जियाउल हक की हत्या में फंसने के बाद मंत्री पद से इस्तीफा दिए थे, लेकिन सीबीआइ जांच के बाद राजा भैया अखिलेश सरकार में मंत्री है, इस चुनाव में छक्का मारने के लिए निर्दलीय मैदान में है, इन्हीं के नाम से बाबागंज की सीट पर इनके सहयोगी विनोद सरोज विधायक बनते हैं, इन दोनों सीट से राजा भैया का सम्मान जुड़ा है, रामपुर खास कांग्रेस के नाम है, प्रमोद तिवारी के बाद अब आराधना मिश्रा विधायक है।
इस सीट पर काफी लोग वापसी के लिए छटपटा रहे है, वहीं आराधना दूसरी बार जनता की अदालत में खड़ी है, प्रमोद तिवारी की तरह इनकी विधायक बेटी मोना भी लोकप्रिय और मिलनसार है, इनकी विधानसभा में इनका विकास काम बोलता है, विपक्ष में होने के बाद भी आराधना ने विकास को तेजी से गति दिया है, जिले में सबसे बेहतर सड़के रामपुर खास की है, मोना को घेरने के लिए भाजपा के नागेंद्र सिंह मैदान में है, लेकिन रामपुर खास सपा कांग्रेस के गठबंधन में है, इनके चुनाव की कमान काला कांकर राजघराने की राजकुमारी व सांसद रत्ना सिंह सांसद प्रमोद तिवारी और इनकी बहन सोना ने संभाल रखी है, प्रतापगढ़ के सपा विधायक नागेंद्र यादव के खिलाफ अपना दल और भाजपा गठबंधन के सामूहिक उम्मीदवार है, इससे इनकी सीट खतरे में है।
जावेद अंसारी,
पी.एन.एन 24 न्यूज