ताड़ी के सीजन को देखते हुवे वाराणसी में निपाह वायरस के लिये जारी हुआ अलर्ट
नीलोफर बानो
वाराणसी। निपाह वायरस के खौफ से देश इस समय सहमा हुआ है। वैसे अपने शहर क्या पूरे प्रदेश में इस वायरस से ग्रसित कोई रोगी अभी तक मिलने का समाचार तो अभी तक प्राप्त नही हुआ है, मगर शहर में आने वाले दक्षिण भारतीय पर्यटकों के आगमन और संभावनाओं को देखते हुवे शहर में निपाह वायरस हेतु अलर्ट जारी कर दिया गया है। केरल में फैली जानलेवा बिमारी को लेकर स्वास्थ विभाग कोई भी कोताही नहीं बरतना चाहता । इसके अलावा वाराणसी में ताड़ी के सेवन को लेकर स्वास्थ विभाग अलग ही चिंतित है। इसी वजह से एलर्ट जारी करते हुए गाइड लाइन जारी कर दी है। स्वस्थ विभाग खास कर दक्षिण भारत से वाराणसी आने वाले श्रद्धालुओं पर नजर बनाए हुए है। डाक्टरों की माने तो यह वायरस एचआईवी वायरस की तरह हैं।
इस सम्बन्ध में अपर मुख्य चिकित्साधिकारी और जिला सर्विलांस आफिसर डॉ आर के सिंह ने बताया कि वाराणसी के मुख्य व्यवसायों में से एक पर्यटन का भी व्यवसाय शामिल है , वाराणसी में सबसे ज्यादा दक्षिण भारत के लोग मंदिरों में दर्शन पूजन और माँ गंगा की छटाओं को देखने के लिए पहुंचते है, लेकिन अब यही पर्यटन वाराणसी के आम लोगों के लिए मुसिबत खड़ी कर सकता है क्यों दक्षिण भारत में जानलेवा निपाह वायरस के खतरे को देखते हुए हमने वाराणसी के सभी छोटे-बड़े सरकारी और गैरसरकारी अस्पतालों, आइएमए, चिकित्सकों और जांच केंद्रों को एलर्ट और केंद्रीय संचारी रोग केंद्र (एनसीडीसी) की ओर से जारी गाइड लाइन की प्रति वाट्स एप पर भेजने और मेल के जरिये भी जारी कर दिया है, जिसमें एहतियात बरतने की भी बात कही गई है।
डॉ आर के सिंह ने बताया कि इतना ही नहीं गर्मी के मौसम में वाराणसी में गंगा किनारे और अन्य जगहों पर ताड़ के पेड़ पर लगने वाली पेय ताड़ी को भी पीने का काफी चलन है। स्वास्थ विभाग को डर है कि इन ताड़ के पेड़ों पर निपाह वायरस से संक्रमित चमगादड़ द्वारा जूठा कर देने या इनके फलों को काटने की वजह से ताड़ी भी संक्रमित हो सकती है। जिसके पीने से इंसान में यह जानलेवा बिमारी फ़ैल सकती है और फिर एक संक्रमित इंसान से दूसरे संक्रमित इंसान में ठीक वैसे ही फैलेगी जैसे एचआईवी फैलती है। लिहाजा ऐसे में ताड़ के पेड़ों पर भी स्वास्थ विभाग की नजर बनी है । वही सोशल मिडिया पर भी निपाह वायरस के प्रति लोगो को जागरूक किया जा रहा है।
फिलहाल वाराणसी में निपाह नामक खतरनाक जानलेवा बिमारी से न तो संक्रमित मरीज है और न ही सोई संदिग्ध मरीज ही, लेकिन इस जानलेवा बिमारी से जितना एहतियात बरता जाए उतना ही कम है, इस बात को स्वास्थ विभाग भी जान चूका है। ऐसे में देखा जाए तो निपाह वायरस का डर दक्षिण भारत से लेकर अब पूर्वांचल में भी देखने को मिल रहा है। बहरहाल स्वस्थ विभाग ने निपाह वायरस को लेकर एलर्ट जारी कर दिया है और किसी भी स्थिति में सभी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को एलर्ट पर रखा हुआ है।