प्रदेश में सरकार बनाने का ख्वाब देख रहे पार्टियों का अपनों ने ही उङाई नींद
अंजनी राय
समाजवादी पार्टी ने जहां मौजूदा विधायक गोरख पासवान पर दांव लगाकर प्रतिष्ठा परक सीट पर कब्जा जमाने की कोशिश कर रही है वहीं भाजपा ने युवा धनंजय कनौजिया को प्रत्याशी घोषित कर परंपरागत मतों को सहेजने की कवायद शुरू कर दिया है। दोनों दलों में प्रत्याशी घोषित होने के बाद बगावत की स्थिति है। भाजपा में टिकट के दावेदार रहे प्रवीण प्रकाश ने निर्दल प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने का संकेत देकर पार्टी के रणनीतिकारों की चिंता बढ़ा दी है ऐसे में प्रवीण प्रकाश अपने समर्थकों की बैठक बुलाकर कभी भी बागी उम्मीदवार के रुप में चुनाव लड़ने का ऐलान कर सकते हैं। भाजपा में टिकट के अन्य दावेदार भी धनंजय को टिकट मिलने के बाद से ही किनारा कर लिए हैं। पार्टी के स्थानीय नेता टिकट को लेकर सांसद रवींद्र कुशवाहा से जमकर नाराज हैं तथा उन्हें सबक सिखाने की बात भी कर रहे हैं ।सपा में भी राजेश पासवान का खेमा बगावत करने पर उतारू है। पूर्व मंत्री स्वर्गीय शारदानंद अंचल का नाम लेकर राजेश पासवान का खेमा पार्टी के नेतृत्व पर गोरख पासवान का टिकट काटने का दबाव बना रहा है। राजेश पासवान खेमे का कहना है कि पार्टी आलाकमान ने गोरख पासवान का टिकट नहीं काटा तो निर्दल प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ेंगे वही बसपा प्रत्याशी घूरा राम भले ही बगावत के मामले में निश्चित निश्चिंत नजर आ रहे हो लेकिन उन्हें भी दल के गुजरात प्रभारी छट्ठू राम के खेमे से परेशानी की अनुभूति हो सकती है ।बसपा में जिस तरह उलटफेर चल रहा है उससे छट्ठू राम के समर्थकों में अभी भी टिकट को लेकर उम्मीद कायम है।