श्री मॉ वनसप्ती देवी मन्दिर के प्रागंण में भक्तों ने मंडप की परिक्रमा की
कमलेश कुमार
अदरी/मऊ :कोपागंज विकास खण्ड के इंदारा वनसप्ती मुहम्मदपुर ग्रामसभा के श्री मॉ वनसप्ती देवी मन्दिर के प्रागंण में आयोजित श्री रूद्रचण्डी महायज्ञ के आयोजन में भक्तों ने मंडप की परिक्रमा की। इस अवसर पर प्रवचन व रासलीला में कृष्ण जन्म के मंचन का आयोजन किया गया। जो संदीप जी महाराज श्रीधाम वृन्दावन मथुरा से पधारे है।
शुक्रवार की रात्रि में गोरखपुर से पधारे श्रवण व्यास जी महाराज ने कहा कि शंकर अपने पत्नी सती को कुम्भ ऋषिमुनी के अश्रम में कथा सुनते है शंकर जी का ध्यान कथा में नही लगता है जब वहा से चलते है तो रास्ते में देखा कि भगवान राम सीता के वियोग मे भटक रहे है। शंकर जी राम को इस्ट मान का प्रणाम करते है। यह देख सती के मन मे संदेह हो जाता है तभी शंकर जी बीना बताए सीता जी का रूप बनाकर राम का परीक्षा लेने चल देते है इन्हे देखते ही राम जी सती को माता कह कर प्रणाम करते है।
उधर, रासलीला में कृष्ण जन्म का मंचन किया गया। कंस देवकी को जेल में डालता है कंस अपने बहन देवकी के छह पुत्रों की हत्या करता है। सातवां गर्व में नष्ट हो जाता है आठवां जेल में भगवान कृष्ण का जन्म होता है। कृष्ण का जन्म होते ही वासुदेव गोकुल गांव नन्द यशोदा के यहा लडकी हुइ होती है। कृष्ण को उन्ही के घर छोड यशोदा की लडकी को लेकर वापस जेल में आ गए। पहरेदार जग गये लडकी के रोने पर कंस को खबर दी गइ। कंस ने जेल में जाकर लडकी को लेकर पत्थर पर पटक कर मारना चाहा लेकिन वह कंस के हाथो गई और देवी का रूप धारण कर बोली हे कंस मुझे तू क्या मारेगा। तुझे मारने वाला गोकुल में पहुंच चुका है। ये दृश्य देख लोग भावविभोर हो गये। रासलीला के पात्र कृष्ण गोविन्द, कंस मेघराज, वासुदेव विष्णु मिश्रा, मंडली नन्दु स्वामी, सौरभ सिंह शिब्बू, भूपेन्द्र सिंह, लालमुनी, रामप्यारे, धर्मेन्द्र, आदि एवं श्रद्धलु उपस्थित रहे।