हजरत अली अ० की याद में निकला जुलूस, नम आखो से दिया पुरसा
आसिफ़ रिज़वी
मऊ। रौजा सैय्यद मलिक ताहिर हुसैन मस्जिद में एक मजलिस का आयोजन किया गया जिसको मौलाना सैय्यद शोएब रिज़वी साहब ने हजरत अली अ० के जीवनी पे प्रकाश डाला, हजरत अली अ० ने भाई चारगी का संदेश भेजा, और मस्जिदे कूफ़ा से ऐलान किया कि मेरे हुकूमत में अगर कोई भूखा सोया हो तो बताए ये ऐलान करके अली अ० ने हुकूमत करने का तरीका बताया है। हुकूमत करने का हक उसी को है जो सारी कायनात सवार सके। हजरत अली अ० ने हर पहलू पे नजर रखी उसकी सबसे बड़ी दलील नेहजुल बलाग़ा है। उन्नीस रमजान को हजरत अली अ० जैसे लीडर को मस्जिदे कूफ़ा में नमाज पढ़ते वक़्त इब्ने मुलजिम ने जहर से बुझी हुई तलवार मारी। जिसमे हजरत अली अ० घायल हो गए। जब इब्ने मुलजिम पकड़कर लाया गया हजरत अली अ० के सामने लाया गया तो उन्होंने सवाल किया क्या मैं तुम्हारा अच्छा मौला नही था। ये सुनकर इब्ने मुलजिम शर्मसार हो गया। इक्कीस रमज़ानुल मुबारक को शियो का पहला इमाम हजरत अली अ० शहीद हो गए। उसी दिन की याद में रौजा सैय्यद मलिक ताहिर हुसैन मस्जिद से जुलूस निकाला गया। जिसमे अंजुमन बाबुल इल्म जाफ़रिया ने नौहाख्वानी पेश की और मौला हजरत अली अ० को नम आंखों से पुरसा दिया। जिसमें बेरुनी अंजुमन अंजुमने सज्जादिया ने भी नौहाख्वानी पेश और पहले इमाम को पुरसा दिया। जिसमें मुख्य रूप से तजियेदार व मोतवल्ली सैय्यद अली अंसर, इरफान अली, शुजाअत अली, जावेद, आसिफ रिज़वी, रिज़वान, मंसूर, हैदर, आमान, बेलाल, हसन, हुसैन आदि लोग मौजूद रहे।