तहसील प्रशासन के राजस्व विभाग में फैला भ्रस्टाचार।
इमरान सागर
तिलहर,शाहजहाॅपुरः-क्षेत्र के लेखपालो ने तहसील प्रशासन की मिलीभगत से मृतक पति,पत्नि की मिल्कियत एक लाख रूपये में फर्जी नाम पर लिख दी। नियमानुसार भूमि के समस्त बारिसो के गुजरने के बाद जमीन सरकार के अधिग्रहण मे होनी चाहिये लेकिन लेखपालो ने एैसा न कर काले धन के लालच में तहसील प्रशासन की मिलीभगत से अभिलेखो में फर्जी नाम दर्ज कर बिकवाने का प्लान बना दिया।
तहसील क्षेत्र के जैतीपुर स्थित गांव रूद्रपुर निवासी बेंचे पुत्र उमराव अनुसुचित जाति की कृषि भूमि गाटा संख्या 57 रकबा 65 एयर तथा 130 रकबा 470 एयर ग्र्राम रूद्रपुर तथा दूसरी गाटा भूमि संख्या 99 रकबा 758 एयर ग्राम रमापुर परगना खेड़ाबझेड़ा मे स्थित है। बेचे की मृत्यु के बाद समस्त गाटा भूमियां पत्नि नत्था देवी के नाम आ गई जबकि नत्था देवी का मायका ग्राम फरीदापुर तहसील व जिला बदायूॅ है। पति बेचे की मृत्यु के बाद नत्था देवी की भी मृत्यु हो गई। दोनो पति, पत्नि के कोई संतान नही थी इस लिये जमीन का कोई बारिस नही हुआ। दोनो की मृत्यु पश्चात उनकी गाटा भूमियो पर ग्रामपंचायत का हाक हो जाना था। लेकिन एैसा न होकर क्षेत्र के लेखपाल और कानूनगो ने अपनी एकता का परिचय देकर एक लाख रूपये मेे सौदा तय कर तहसील प्रशासन की मिलीभगत से भूमि दूसरे के नाम कर बेचने तक का प्लान बना लिया।
मामला है कि नत्था देवी और उसके पति के कोई संतान न होने के कारण उनकी मृत्युपरांत लावारिस हुई भूमि ग्राम समाज में चली जानी चाहिये थी परन्तु एैसा नही हुआ। क्षेत्र के लेखपाल राजेन्द्र सिंह, निवृतमान राजस्वनिरिक्षक राम प्रकाश जो अब पुवायाॅ में है तथा राजकमल ने मिल कर तहसील प्रशासन की मिली भगत से नत्था देवी की समस्त भूमि नत्था के देवर सुरेश चन्द्र पुत्र बुधपाल निवासी ग्राम फरीदापुर तह0 व जिला बदायूॅ से एक लाख रूपये लेकर नाम कर दी और साथ ही उसे बेचने का भी सौदा कर लिया।
शिकायत कर्ता ग्राम प्रधान रजीव सिंह तोमर ने प्रमुख सचिव राजस्व एंव आपदा विभाग को आॅनलाईन भेजी अपनी शिकायत में बताया कि 21 अक्टूबर को प्राथी के गांव के सुदेश सिंह पुत्र सूरजपाल सिंह तहसील में खसरा की नकल निकलवाने लेखपाल राजेन्द्र सिंह के पास गया था, वहां राजस्व निरिक्षक खेड़ा बझेड़ा के कार्यालय के पश्चिम में बनी मस्जिद के पीछे उक्त राजेन्द्र सिंह ने शेष 50,000 हजार रूपये सुरेश से लिये और सुरेश से जल्दी ग्राहक तलाशने को कहा तथा साथ ही यह भी कहा कि मै व कानूनगो व रमापुर के लेखपाल भी जल्दी से जल्दी ग्राहक तलाश करके उक्त जमीन को ब्रिक्री करके रूपये आपस में बांट लेगें। उक्त राजेन्द्र सिंह सुदेश सिंह को नही जानता था। सुदेश सिंह ने सारी बाते प्राथी को बताईं तब प्राथी ने नत्था देवी के पिता के परिवार के लोगो की जानकारी की और दिनांक 07.11.2016 को गांव के पुष्पेन्द्र सिहं के साथ अपने काम से तहसील आया और राजेन्द्र सिंह लेखपाल से मृतक नत्था देवी की बिरासत की जानकारी की तथा कहा कि गांव का प्रधान हॅू तुमने बिना जांच पड़ताल के बिरासत क्यूं कर दी तो उक्त लेखपाल राजेन्द्र ने अभ्रदता करते हुऐ बोला कि हमे कानून सिखाता है, और गाली गलौज करने लगा जिस पर वहां मौजूद लोगो ने बीचबचाव किया। प्राथी ने बकीलो द्वारा बिरासत की सलाह ली तो बकीलो ने बताया कि मायके से प्राप्त कृषि भूमि स्त्री के लावल्द मरने पर फिर मायके में उसी व्यक्ति को आकर पुरूष भमिधर से बिरासत तय होती है लेकिन उक्त लेखपाल सहित चारो लोग धोखाधड़ी व अबैध बिरासत से नत्था देवी की जमीन हड़पना चाहते है। प्राथी शिकायत पर जाचं तहसील आ चुकी है परन्तु राजस्व विभाग के उक्त सभी कर्मचारी एक दूसरे को बचाने में प्राथी को लगातार गुमराह कर रहे हैं जबकि पाका 11 रिकार्ड रूम से गायब नज़र आ रहा है।
गौरतलब हो कि ग्रामीण एंव नगरीय भूमि के तमाम घोटालो का राज लेखपालो की कलम से तहसील प्रशासन की मिलीभगत के चलते आसानी से राज ही बन कर रह जाता है। क्यूंकि मोटी कमाई के चक्कर में लेखपाल बड़ी ही असानी से अभिलेखो में किसी का भी फर्जी नाम दर्ज करने में माहिर होते हैं। तहसील प्रशासन के राजस्व विभाग में फैले भ्रस्टाचार की यह एक मात्र शिकायत नही है बल्कि पूर्व में एक नगर के लेखपाल का कुछ एैसा ही प्रकरण होने के कारण 420 का मुकदमा तो दर्ज हो गया लेकिन तहसील प्रशासन और पुलिस प्रशासन की मिलीभगत के चलते उक्त लेखपाल को अब हटाया भी नही गया जिससे उसके हौसलो को और भी उड़ान मिलती नजर आ रही है। ग्राम प्रधान राजीब तोमर ने हालांकि कानूनी दायरे में रह कर मृत्क की लावारिसी जमीन पर लेखपालो द्वारा की धोखधड़ी की पोल तो खोल दी लेकिन क्या उसे इंसाफ मिल पायेगा यह अभी भविष्य के गर्भ में है।