जनशिकायतों के निस्तारण में लापरवाही पर मण्डलायुक्त ने की कड़ी कार्रवाई

उपजिलाधिकारी, तहसीलदार, बीडीओ व बिजली विभाग के एसडीओ को प्रतिकूल प्रविष्टि

 

मो आफताब फ़ारूक़ी

 

इलाहाबाद। मण्डलायुक्त ने बारा तहसील के सम्पूर्ण समाधान दिवस पर आम जनता के बीच बैठकर उनकी समस्याओं को सुन रहे थे तथा निस्तारण में शिकायतों पर कड़ी कार्रवाई न होने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए मण्डलायुक्त ने बारा तहसील के कई विभागीय अधिकारियों एवं प्रशासनिक अधिकारियों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई करते हुए बारा तहसील के उपजिलाधिकारी, तहसीलदार और बीडीओ को सीधे प्रतिकूल प्रविष्टि दे दी।
मण्डलायुक्त डा.आशीष कुमार गोयल इस बात पर नाराज हो उठे कि एक वर्ष पूर्व दिये गये निर्देशों के बावजूद शिकायतों का निस्तारण संतोषजनक ढंग से नहीं दिखायी दे रहा है। उन्होंने कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि यदि फरियादियों की समस्याओं का जमीनी निस्तारण कर दिया जाय तो समाधान दिवसों में लोग क्यों आयेंगे। उन्होंने सबसे पहले पिछले तहसील दिवस की समाधान आख्यायें देखना शुरू की तथा कई समाधान आख्याओं में महज खानापूर्ति देखकर रूष्ट हो उठे और एसडीएम, तहसीलदार और बीडीओं के खिलाफ कार्रवाई कर दी। ग्राम सभा में विद्युतीकरण न होने की शिकायत पर उन्होंने विद्युत विभाग के एसडीओ नितिन सिंह को तलब कर लिया तथा इस ढिलाई के लिए उन्हें भी प्रतिकूल प्रविष्टि दे दी।
मण्डलायुक्त ने फरियादियों की इस बात पर गंभीरता से संज्ञान लिया कि बारा तहसील में वर्ष 2016 में आयी बाढ़ का मुआवजा अभी तक पूरी तरह वितरित नही हुआ तथा कई मामलों में मुआवजा गलत हाथों में चले जाने की शिकायत भी की गई। इस शिकायत पर मण्डलायुक्त ने एसडीएम और रजिस्ट्रार कानूनगो के साथ तहसीलदार को भी कड़ी फटकार लगायी तथा रजिस्ट्रार कानूनगो को चेतावनी देते हुए इस मामले की जांच करने के लिए जिलाधिकारी को पत्र लिखने तथा अपर जिलाधिकारी (वि.रा) को तत्काल निरीक्षण करने के लिए भेजने के निर्देश दिये। एक अन्य मामले मे क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि कुलदीप पाठक द्वारा मनरेगा के जॉब कार्ड बनाने जाने के सम्बन्ध बीडीओ शंकरगढ़ को नियमानुसार कार्रवाई किये जाने के कड़े निर्देश दिये। डा.गोयल ने सभी अधिकारियों से कहा कि एक वर्ष से यह कार्य संस्कृति पूरे मण्डल में विकसित की जा रही है जिसमें राजस्व और कानून व्यवस्था के मामलों में सुनवाई और निस्तारण गम्भीरता से जमीनी स्तर पर हो। उन्होंने उपजिलाधिकारी और नीचे के अमले को कई बार पत्र लिखकर दिये गये अपने निर्देशों की याद दिलायी तथा कहा कि जमीनी स्तर पर शिकायतों का निस्तारण एक बार हो जाने पर समाधान दिवसों में लोगों की भीड़ अपने आप कम हो जायेगी।

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