सुरक्षा की दृष्टि से ‘क्रिप्टोलाॅजी’ की भूमिका महत्वपूर्ण : प्रो शिवदत्त
आफताब फारुकी
इलाहाबाद। वर्तमान समय में गणित को इन्जीनियरिंग की रीढ़ कहा जा सकता है। बिना गणित के इंजीनियरिंग अधूरी है, सुरक्षा की दृष्टि से यह महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। क्रिप्टोलाॅजी के जरिये आप सभी गोपनीय चीजें सुरक्षित रख सकते हैं।
उक्त विचार कार्यक्रम संयोजक प्रो.शिवदत्त ने मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान इलाहाबाद के गणित विभाग में सीआरएसआई के सहयोग से पांच दिवसीय ‘नेशनल वर्कशाप आन क्रिप्टोलाॅजी’ विषय पर आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला में व्यक्त किया। उन्होंने क्रिप्टोलाॅजी के महत्व को बताते हुए कहा कि वर्तमान समय में क्रिप्टोलाॅजी का अर्थ ‘द आर्ट आॅफ प्रोटेक्टिंग इनफार्मेशन’ होता है। इसके माध्यम से आप सभी गोपनीय चीजें जैसे ई-मेल सन्देश, क्रेडिट एवं डेबिट कार्ड के पिन नंबर तथा अन्य डिटेल सुरक्षित रख सकते हैं।
कार्यशाला का शुभारम्भ संस्थान के कार्यवाहक निदेशक प्रो. सुदर्शन तिवारी तथा कार्यक्रम संयोजक प्रो.शिवदत्त एवं विभागाध्यक्ष प्रो.मनोज कुमार ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। संस्थान के कार्यवाहक निदेशक प्रो. सुदर्शन तिवारी ने पांच दिवसीय कार्यशाला के उद्देश्य के बारे में बताते हुए कहा कि इस प्रकार की कार्यशाला से शोध छात्रों को नवीन शोधों तथा विषय की बारीकियों की जानकारी मिलती है। मुख्य वक्ता प्रो. बिमल राय, आईएसआई कोलकाता ने क्रिप्टोलाॅजी के क्षेत्र में किये गये नवीन शोधों की जानकारी दी। जिसमें पर्सनल एवं गोपनीय डाटा को प्रोटेक्ट करने की एक से बढ़कर एक युक्ति बताई। कार्यक्रम समन्वयक डा. सहदेव पाधी ने बताया कि देश भर से लगभग पचासी प्रतिभागियों ने इस कार्यशाला में भाग लिया। इस कार्यशाला में कोड बेस्ड क्रिप्टोलाॅजी, मैथमेटिकल फाउन्डेशन, पब्लिक क्रिप्टोग्राफी, डिजिटल हस्ताक्षर, ब्लैकचैन क्रिप्टोकरेन्सी, नेटवर्क सिक्योरिटी तथा साइबर क्राइम में क्रिप्टोग्राफी का उपयोग की चर्चा की जायेगी। उक्त कार्यशाला में प्रो. एस.एन पान्डेय, प्रो. जी.पी साहू, प्रो. हरनाथकर, प्रो. शिवदत्त, डा. सहदेव, डा. पीतम सिंह, डा. मुकेश कुमार तथा भारी संख्या में टेक्नोक्रेट्स एवं प्रतिभागी मौजूद रहे।