सो रहे थे वन दरोगा जी क्या जो सड़क किनारे का विशालकाय शीशम का पेड़ कट गया
विनय याज्ञिक
जालौन – कुठौंद-सडक़ किनारे विशालकाय रूप में स्थापित शीशम के पेड़ों पर वन दरोगा की मिलीभगत से माफियाओं वा अधिकारियों की शह पर कुल्हाड़ा चल रहा है तो वही किसानो की जगह में स्थित शीशम आम नीम व अन्य प्रजातियों के पेड़ आंधी से जो धराशाई हुए किसानों को उठाने से मना कर कुठौंद, ईंटों क्षेत्र में माफियाओं को पेड़ बेचने पर मजबूर किया जा रहा है वन दरोगा की कारगुजारियां पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बन चुकी हैं।
क्षेत्र से मिल रही सूचनाओं मैं बताया जा रहा है कि क्षेत्र में पदस्थ वन दरोगा जंगलों का सत्यानाश कर ईंटों मुख्यालय पर बैठ कर अपने दलालों के द्वारा हरे पेड़ों का कत्लेआम करा कर मालामाल हो रहे हैं यहां का किसान जब अपने खेतों पर आंधी से फटे हुए पेड़ों की लकड़ी लाने जाता है तो वन दरोगा के नेटवर्क के सदस्य वहां पहुंचकर नियम विरुद्ध काम बता कर किसानों को भयभीत कर रहे हैं वन विभाग के आला अधिकारी भी महाभारत की गांधारी जैसी आंखों में पट्टी बांधकर वन दरोगा को खुला संरक्षण प्रदान कर रहे हैं इतना ही नहीं वन दरोगा बालकराम राठौर इसके क्षेत्र में आकर भी अपने अधिकारियों का अतिक्रमण कर विधि विपरीत पेड़ों की कटान करा कर लकड़ी माफियाओं की कठपुतली बन चुके हैं प्रतिदिन गोहन ईटों बहादुरपुर उमरी बड़ी संख्या में हरे पेड़ों की कटान की जा रही है लकड़ी लोडर ट्रकों मे भरकर पड़ोसी जनपद औरैया व अन्य शहरों में जा रही है फौरी तौर पर दिखावा के लिए अभी पिछले सप्ताह थाना कुठौंद की शंकरपुर चौकी प्रभारी ने एक लोडर पकडक़र रस्म अदायगी कर दी हालांकि इस मामले को निपटाने के लिए दर्जनों कारोबार करने वाले लोगों का हुजूम इक_ा हो गया तथा प्रयास करने लगे किंतु खबरनवीसों के संज्ञान में आने पर उक्त मामले में पेच आ गया तथा परिवाद पंजीकृत हो गया हरे पेड़ों की हरियाली की सत्यानाशी करने में वन विभाग भी शामिल है जो पर्यावरण की जहां बर्बादी कर रहा है वही प्रदेश सरकार की वृक्षारोपण श्रृंखला के साथ भी भद्दा मजाक कर रहा है वन क्षेत्राधिकारी भी इस ओर कोई ध्यान देना मुनासिब नहीं समझ रहे हैं वन दरोगा श्री राठौर द्वारा वन विभाग एवं प्रदेश सरकार की मंशा पर पानी उड़ेला जा रहा है यदि जिला प्रशासन द्वारा इनकी कार्यप्रणाली पर अंकुश नहीं लगाया तो प्रदेश सरकार का नारा सबका साथ सबका विकास फीका पड़ सकता है किसान अपने खेतों पर टूटे पेड़ उठानेH के लिए दर-दर परेशान है पर वन दरोगा की हेकड़ी के आगे वह बेबस है क्षेत्रवासियों ने प्रशासन से मांग की है कि इन के विरुद्ध जांच कर कार्यवाही की जाए।