सिचाई नहरों में पानी नही होने से किसानों में हाहाकार, बीत रही धान की नर्सरी डालने की अवधि
उमेश गुप्ता
बलिया : बिल्थरा रोड क्षेत्र के किसान धान की बेहन डालने के लिए पूरी शिद्दत से जुट गए हैं, वहीं दोहरीघाट सहायक पम्प सिचाई नहर, गाजीपुर से संचालित गुलौरा- मठिया पंप कैनाल की नहर तथा लघुडाल पम्प कैनाल हल्दीरामपुर में पानी नहीं छोड़े जाने से किसानों में हाहाकार मचा हुआ है। किसानों का कहना है कि धान की नर्सरी डालने का समय बीतता जा रहा है और नहर व सिंचाई विभाग संबेदनहीन बना हुआ है।
जानकारी के अनुसार दोहरीघाट सहायक पम्प नहर को छोड़ दे तो शेष इन माइनरों में कभी टेल तक पानी नहीं पहुचता। माइनर झाड़-झंखाड़ से पट गई हैं, तो कहीं धूल उड़ रही है। कुछ स्थानों पर लोग नहर को पाट कर निजी उपयोग में ला रहे हैं, गुलौरा से टंगुनियां जाने वाली माइनर की पुलिया सफाई के आभाव में जाम पड़ी हुई है। इस माइनर में वर्षों से कभी पानी नहीं आया है। वहीं हल्दीरामपुर पम्प कैनाल पर ऑपरेटर के नहीं रहने से नहर समय से संचालित नहीं होती। हल्दीरामपुर निवासी किसान चंद्रेशखर सिंह, गिरीश सिंह, जयगोविंद सिंह, भगवान प्रसाद, भोला प्रसाद, भरत राम आदि का कहना है कि धान की नर्सरी डालने का समय बीतता जा रहा है और नहर विभाग संबेदनहीन बना हुआ है। इससे किसानों को खेतों में पानी चलाने के लिए प्राइवेट ट्यूबेलों का सहारा लेना पड़ रहा है। इससे अनावश्यक आर्थिक बोझ किसानों पर बढ़ता जा रहा है।
किसानों की मंशा को माने तो रोहिणी नक्षत्र में धान की नर्सरी डाल दिए जाने से धान की रोपाई समय से हो जाती है। यदि नहरों में पानी की आपूर्ति कर दी जाए तो किसानों को काफी सहूलियत मिल जायेगी। पानी के अभाव में गन्ना, हरी सब्जियों की खेती पर भी ग्रहण लग रहा है। जिससे किसानों की लागत भी नहीं निकल पाता है।
क्षेत्र के किसानों के हित में अपनी संवेदनहीनता तोड़ किसानों के हित में नहरों में सुचारू रूप से पानी छोड़ने का काम करेगा।