राजनीति का खेल-कोई पास तो कोई फेल…..कब तक रूठा रहेगा जयराम का भाग्य ?

रणविजय सिंह 
मेंहदावल/संतकबीरनगर- राजनीति का खेल भी क्रिकेट की तरह अनिश्चित्ताओ भरा खेल बनकर बार बार सपा के वरिष्ठ नेता जयराम पांडेय के धैर्य की परीक्षा ले रहा है । वर्ष 2012 की ही तरह इस बार भी नाटकीय घटनाक्रम का शिकार हुए जयराम पांडेय भरी सभा में फफक कर उस वक्त रो पड़े जब वो मेंहदावल के जगत गुरु शंकराचार्य इंटर कालेज में बने मंच से कार्यकर्ताओ को संबोधित कर रहे थे, अपने संबोधन में जयराम पांडेय क्यों रो पड़े? क्यों छलका उनका दर्द ? ये जानने के पहले आइये जानते है वरिष्ठ सपा नेता जयराम पांडेय के बारे में । पार्टी की नीतियों के साथ कदमताल करने वाले जयराम पांडेय को भाग्य ने वर्ष 2012 में साथ दिया तब उन्हें पार्टी से मेंहदावल विधान सभा का प्रत्याशी बनाया गया लेकिन नियति को ये मंजूर नही हुआ जिसके चलते एक महीने बाद ही उनका टिकट काटकर लक्ष्मीकांत उर्फ़ पप्पू निषाद को टिकट दे दिया गया । जयराम पाण्डेय व अन्य सूत्रों की माने तो उस वक्त जब सपा के शीर्ष संगठन ने इनका टिकट काटकर पप्पू निषाद को टिकट दिया था उस वक्त पार्टी का शीर्ष नेतृत्व ने जयराम को ये भरोषा दिलाया था कि यदि पार्टी सत्ता में आई तब उन्हें एक विशेष पद से नवाजा जाएगा, लेकिन सत्ता प्राप्ति के बाद शीर्ष नेतृत्व अपना वादा भूल गया जिसके कारण सरकार में जयराम पांडेय को कोई विशेष पद नही मिला। खैर नियति का संयोग मानकर जयराम पांडेय पिछले पाँच सालों से क्षेत्र में बने रहे जिसका फायदा भी उन्हें उस वक्त मिला जब पार्टी ने उन्हें दुबारा पार्टी कंडीडेट के रूप में चुना। टिकट मिलने के बाद उत्साहित जयराम पांडेय के साथ उनके करीबी ब्लाक प्रमुख खलीलाबाद मनोज राय लगातार क्षेत्र में जनसम्पर्क अभियान में जुटे रहे । लेकिन ऐन वक्त पर एक बार फिर पार्टी नेतृत्व ने जयराम पांडेय के राजनैतिक भविष्य के साथ एक भद्दा मजाक करते हुए उनका टिकट काट पुनः पप्पू निषाद को टिकट दे डाला । 
अब लगातार दो बार टिकट कटने से आहत जयराम पांडेय और उनके समर्थकों ने मेंहदावल में एक महापंचायत का आयोजन कर मौजूदा विधायक व कंडीडेट पप्पू का पुरजोर विरोध दर्ज कराया, मौजूदा विधायक पूर्व राज्य मंत्री व् वर्तमान कंडीडेट पप्पू निषाद पर क्षेत्र के विकास में रूचि न लेने का आरोप लगाते हुए जयराम समर्थकों ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से ये अपील किया कि पप्पू निषाद का टिकट काटकर जयराम पांडेय को मेंहदावल से प्रत्याशी घोषित किया जाय अन्यथा वो सभी पार्टी कंडीडेट पप्पू निषाद का विरोध कर जयराम पांडेय को निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मेंहदावल से चुनाव लड़वा सकते है,टिकट कटने से आहत दिखे जयराम पांडेय अपने संबोधन के दौरान फफक कर रो पड़े, अपने संबोधन में पार्टी के कुछ लोगो पर आरोप लगाया कि चन्द रुपयों के सौदागरों ने जो उनके ही पार्टी के है उनका ही टिकट कटवाने में अहम भूमिका निभाये है । बिना किसी का नाम लिए ही जयराम पांडेय ने मौजूदा विधायक व पूर्व मंत्री पर क्षेत्र का विकास न कराने का आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले पांच सालों में उन्हें कभी ये नही लगा कि वो अपनी ही पार्टी के सरकार में है, मेंहदावल क्षेत्र के यादवों, मुसलमानों और सवर्णो को फर्जी मुकदमे में फंसाकर उनका उत्पीड़न किया जाता रहा जिसकी लड़ाई वो पूरे 5 साल तक लड़ते रहे, भावुक हुए अंदाज में जयराम ये कहकर रो पड़े कि उन्होंने ऐसा क्या गुनाह कर दिया जिसके चलते उनका टिकट काटा गया, अपने संबोधन में जयराम पांडेय ने कहा कि पूरे पांच साल तक कार्यकर्ताओ के हक की लड़ाई लड़ते हुए कभी किसी का उत्पीड़न न किया और न होने दिया फिर पार्टी मेरे साथ ऐसा अन्याय क्यों की ।

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