बेटे को टिकट मिलने पर माने रमाकांत यादव,
यशपाल सिंह
आज़मगढ़ : प्रमुख दल में शामिल बीजेपी के लिए आजमगढ़ का टिकट फाइनल करना सबसे बड़ी चुनौती रही। मंगलवार को काफी इंतज़ार के बाद जैसे ही टिकट फ़ाइनल हुआ कई के दिल बैठा गए तो किसी ने पहली बार में टिकट की दौड़ में बाजी मारी। हालांकि घोषित प्रत्याशी का विरोध भी शुरू हो गया। अतरौलिया से कन्हैयालाल निषाद को लेकर विरोध मुखर होने लगा है।
बीजेपी के वरिष्ठ नेता रमाकांत मिश्रा ने कहा कि कन्हैयालाल निषाद मुम्बई में रहते हैं और कुछ दिन पूर्व एक अन्य गुमनाम सा दल चलाते थे। अपने को पार्टी के लिए लगातार मेहनत करने वाला कार्यकर्ता बताते हुए कहा कि अतरौलिया में पार्टी के अस्तित्व को बचाने के लिए संघर्ष करेंगे। उन्होंने यहाँ पर बीजेपी प्रत्याशी के चुनाव को लेकर माध्यमिक शिक्षा मंत्री बलराम यादव की साजिश का भी आरोप लगाया। वहीं एक दिन पूर्व तक आजमगढ़ के 3 सीटों की मांग कर बागी तेवर अपनाए पूर्व संसद रमाकांत यादव भी मान गए। शाम को बातचीत में कहा कि जब पार्टी ने पुत्र को टिकट दे ही दिया है तो निर्दल जैसी कोई बात नहीं है। वहीं अपने को कहा कि वह सांसद का चुनाव लड़ते हैं न कि एमएलए का। निजामाबाद से पूर्व जिलाध्यक्ष विनोद राय के प्रत्याशी बनने पर दौड़ में शामिल अन्य प्रत्याशियों के दिल बैठे। पूर्व जिलाध्यक्ष सहजानंद राय ने कहा कि मायूसी तो हुई लेकिन पार्टी के वफादार सिपाही हैं। यहाँ डॉ पियूष यादव भी काफी मेहनत से लगे थे। वहीं गोपालपुर से श्रीकृष्ण पाल को लेकर बीजेपी प्रवक्ता आईपी सिंह ने अपने फेसबुक पोस्ट पर निशाना साधा।कहा कि दो बार हार चुके हैं लेकिन कलराज मिश्रा के चलते टिकट पा गए।