चुनाव का महासंग्राम आखिर किसके सर होगा जीत का सेहरा
उल्लेखनीय है कि जिले में समाजवादी पार्टी के द्वारा अपने प्रत्याशियों को दरकिनार करना पार्टी के लिए कहीं न कहीं पार्टी को कमजोर करना ही साबित हो रहा है और रही बात कांग्रेस की तो उसको इस चुनावी महासग्राम में उन प्रत्याशियों को उतारना था जो इस महासग्राम में उसे जीत का सेहरा पहना सके परंतु वह अपने उन प्रत्यासियों के साथ इस महासंग्राम में उतरी जिसका क्षेत्र में कोई अस्तित्व ही नहीं ।वैसे देखा जाये तो बहुजन समाज पार्टी द्वारा रोमी साहनी को पार्टी से निकालना भी पार्टी के लिए नुकसान देह रहा परंतु फिर भी कुछ भी हो पार्टी के द्वारा अपना प्रत्याशी चुनना किसी भी प्रकार से गलत नहीं लग रहा है क्योंकि बसपा प्रत्याशी डाॅ बी के अग्रवाल लोगों के लिये भले ही नया चेहरा हो और पार्टी के कार्यकर्ताओं की शुरूआत में जो भी उठा पटक हुई परंतु फिर सब सामान्य हो गया और कुछ इस तरह का भारतीय जनता पार्टी में भी बड़ा फेरबदल कर दिया था कि एक बेगाने को पार्टी से टिकट देने पार्टी के कार्यकर्ताओं में भारी रोष व्याप्त हो गया था परंतु अब शायद यह रोष समाप्त सा लग रहा है क्योंकि यह चेहरा क्षेत्र वासियों के लिए कोई नया चेहरा नहीं बल्कि उनका चहेता ही है वह है रोमी साहनी जो पार्टी को मजबूत करने में कोई कसर नही छोड़ेगा । पार्टियों के द्वारा चुनावी महासग्राम की तैयारियाँ अब फिर से शुरू हो गयी है हर प्रत्याशी जी जान से जुट गया है ।परंतु समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने तो जैसे अनीता यादव के टिकट कटने से जैसे दिशाहीन ही हो गये हैं वह किसी भी तरह से पार्टी के इस फैसले से खुश नहीं हैं परंतु कांग्रेस पार्टी के द्वारा सैफ अली नकवी को टिकट देना कुछ हद तक सही भी लग रहा है और नहीं भी क्योंकि यह राजनीति है । फिर भी अब चुनावी महासंग्राम का बिगुल बज चुका है और अब देखना यह है कि जीत का सेहरा किसके सर होगा ।