सद्दाम ने ईरान के विरुद्ध रासायनिक हथियारों का प्रयोग किया था – ब्रिटेन
आफताब फारुकी
हालैंड, जर्मनी और फ्रांस की लगभग 207 कंपनियों ने सद्दाम सरकार को सामूहिक विनाश के हथियारों को बेचा था। ब्रिटेन ने इस बात को स्वीकार किया है कि ईरान- इराक युद्ध के दौरान सद्दाम ने ईरान के विरुद्ध रासायनिक हथियारों का प्रयोग किया था और उसने इन हमलों को त्रासदी बताया। ब्रिटेन के विदेशमंत्रालय ने अपनी विज्ञप्ति में कहा है कि ईरान के विरुद्ध इराक के रासायनिक हमलों से हज़ारों ईरानी सैनिक प्रभावित हुए हैं।
ब्रिटेन इराक द्वारा ईरान पर थोपे गये आठ वर्षीय युद्ध में सद्दाम द्वारा रासायनिक हथियारों के प्रयोग को ऐसी स्थिति में स्वीकार कर रहा है जब हालैंड, ब्रिटेन, जर्मनी और अमेरिका सद्दाम सरकार के मुख्य समर्थक थे और इन देशों ने रासायनिक हथियारों के उत्पादन और उसे सद्दाम को उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और बहुत से यूरोपीय अधिकारियों ने सद्दाम के इस कृत्य का समर्थन किया था और उन्होंने चुप्पी साधकर रासायनिक हथियारों के प्रयोग हेतु सद्दाम को हरी झंडी दिखाई थी।
इस संबंध में ईरान- इराक युद्ध के अंतिम वर्षों में जो दस्तावेज़ प्रकाशित हुए थे वे इस बात के सूचक हैं कि हालैंड, जर्मनी और फ्रांस की लगभग 207 कंपनियों ने सद्दाम सरकार को सामूहिक विनाश के हथियारों को बेचा था। सद्दाम सरकार ने रासायनिक हथियारों का प्रयोग केवल ईरानी सैनिकों के खिलाफ नहीं किया था बल्कि इन हमलों में ईरान और इराक के सरदश्त एवं हलब्चा नगरों में भी बहुत से आम नागरिक मारे गये थे। रासायनिक हमलों में मरने वाले व्यक्तियों में ध्यान योग्य संख्या बच्चों और महिलाओं की थी। वर्ष 1987 में इराकी सेना ने हलब्चा नगर पर जो रासायनिक हमला किया था उसमें कम से कम पांच हज़ार लोग हताहत और सात हज़ार घायल हुए थे।
यद्यपि ब्रिटेन ने दशकों बाद यह स्वीकार किया है कि ईरान- इराक युद्ध के दौरान सद्दाम ने ईरान के विरुद्ध रासायनिक हथियारों का प्रयोग किया था और उसकी यह स्वीकारोक्ति अच्छी बात है परंतु महत्वपूर्ण बात यह है कि रासायनिक हथियारों के उत्पादन, बिक्री और उनके प्रयोग के संबंध में पश्चिमी देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों का दोहरा रवइया यथावत जारी