बाजारों में छाई कटरूओ की बहार
फारुख हुसैन
पलिया कलां (खीरी)=वर्षा श्रतु का मौसम शुरू होते ही कटरूआ और धरती के फूल का बाजारों में आना शुरू हो गया है और उनके आते ही बाजारों में खाने के शौकीन लोगों को इसके खरीदने में में काफी उत्साह भी दिखाई दे रहा है ।वैसे शुरू आत में
इसकी कीमत छ सौ रूपये से आठ सौ रूपये किलो है ।
उल्लेखनीय है कि दुधवा राष्ट्रीय उद्यान जहां पर वर्षा श्रितु के शुरू होते कटरओ और धरती के फूल निकलना शुरू हो जाते है जिसे वन्यजीव बहुत ही चाव से खाते है और वन्यजीवों का यह मनपंसद भोजन भी है परंतु वन विभाग की लापारवाही के चलते पलिया क्षेत्र के कुछ लोग उद्यान में जाकर वहां से भारी मात्रा में में धरती के फूल और कटरूआ ले आते हैं जो बाजार में ऊचे दामों पर बेचते हैं ।
सूत्रों से यह भी जानकारी मिली है कि वन विभाग के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से यह कार्य किया जाता है और उनको इस एवज में रूपये भी दिये जाते हैं ।
फिलहाल यह सोचनीय विषय है कि वन्यजीवों के भोजन को बचाने के लिये किसी तरह की कार्यवाही वन विभाग नहीं कर रहा है ।पलिया कलां के मेला सिंह चौराहे पर भारी मात्रा में इसकी खरीद फरोक्त होती है और इसके व्यापार बड़ी मात्रा में हो रहा है इसके साथ ही बाहर के व्यापारी भी इसके व्यापार में अच्छी आमदनी कर रहे हैं और कटरूआ और धरती के फूल की
कीमत छ सौ रूपये किलों से लेकर पांच रूपये किलों तक है पर॔तु फिर भी इसके खाने के शौकीन लोग इसे महगे दामों में खरीद रहें हैं ।