सरकारी शिक्षकों की गुटबाज़ी, बच्चो का भविष्य अंधेरे में।
शिव शक्ति
हमीरपुर। स्कूल खुलते ही सरकरी स्कूलों में शिक्षको के बीच गुटबाजी शुरू हो गयी है जिसके चलते सैकड़ो बच्चो का भविष्य दाव पर लग गया है
ऐसा ही एक मामला दिखाई दिया हमीरपुर जिले में जहाँ दो महिला अनुदेशको और प्रधानाचार्य के बीच वर्चस्व की जंग छिड़ी हुयी है महिला प्रधानाचार्य ने अनुदेशको को हटाने के लिए स्कूलों में बच्चो की संख्या कम करने के लिए जबरन कई बच्चो का स्कूल से नाम काट कर उन्हें टीसी थमा दी। जिसके बाद अनुदेशको की शिकायत पर बेसिक शिक्षा अधिकारी ने मौके में पहुचकर पुरे मामले की जाँच शुरू कर दी है !
सपा सरकार में सरकारी स्कूलों की शिक्षा वयवस्था सुधारने के लिए अनुदेशको की नियुक्ति की गयी थी। इन अनुदेशको को उन स्कूलों में तैनात किया था जहाँ पर बच्चो की संख्या 100 या इससे अधिक हो लेकीन अपनी मनमानी पर उतारू प्रधानाचार्य अब अनुदेशको को हटाने के लिए स्कूल में बच्चो का नाम काट रहे है या उनका नाम नही लिख रहे है जिससे की बच्चो की संख्या 100 से कम हो जाये और अनुदेश्क खुद में खुद स्कूल से हट जाये। इन प्रधानाचार्यो को न बच्चो के भविष्य की चिंता है न ही उन्हें स्कूल में शिक्षा व्यवस्था सही रखने की उन्हें तो बीएस चिन्ता है अपनी मनमर्जी चलाने की !
मामला कुरारा ब्लाक के कुसमरा गाँव में स्थित कन्या पूर्व माध्मिक विधालय का है जहाँ की प्रधानाचार्या परवीन बानो ने अपने ही विधालय में तैनात अनुदेशक अन्जना देवी और करिश्मा ओमर को स्कूल से हटाने के लिए साजिस रच डाली और उन्हें दवारा किये गये सर्वे में 107 बच्चो के नामांकन में अपनी मनमर्जी चलते हुए 12 बच्चो के नाम काट कर उन्हें टीसी थमा दी। जिसके कारण अनुदेशको का नवीनीकरण अधरं में लटक गया है दुसरी तरफ बच्चो का स्कूल से नाम काटने से उनके अभिवावकों में रोष फैल गया है।
इस मामले की जानकारी जब ग्रामीणों ने जिला बेसिक अधिकारी हमीरपुर को हुयी तो उन्होंने मौके में पहुच कर पुरे मामले की जाँच करते हुए ग्रामीणों और अनुदेशको के बयाँ लेते हुए पुरे मामले की जाँच शुरू कर दी है !