अम्बेडकरनगर – अभी भी असमंजस में है अल्पसंख्यक मतदाता
अनंत कुशवाहा
अम्बेडकरनगर। एक तरफ जहां बहुजन समाज पार्टी के घोषित उम्मीदवार विधानसभा चुनाव की तैयारी में पूरी तरह जुट गये है वहीं दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी के उम्मीदवारो को लेकर संशय अभी भी बरकरार है। जलालपुर, टाण्डा तथा आलापुर विधानसभा क्षेत्र से दोनों गुटो नें अपने-अपने प्रत्याशी घोषित कर रखे है लेकिन चुनाव आयोग द्वारा समाजवादी पार्टी के रूप में अखिलेश गुट को मान्यता दे दिये जाने के बाद से मुलायम गुट द्वारा घोषित प्रत्याशियो को लेकर संशय बरकरार हो गया है।
मंगलवार को जिस तरह मुलायम सिंह यादव ने अपने चहेते उम्मीदवारो की सूची अखिलेश को सौंपी उससे साफ हो गया है कि अब विधानसभा चुनाव में अखिलेश द्वारा घोषित प्रत्याशी ही वैधानिक रूप से सपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में होंगे। ऐसे में मुलायम सिंह यादव द्वारा घोषित प्रत्याशी अब निर्दलीय प्रत्याशी के रूप मंे ही चुनाव मैदान में रह पायेंगे अन्यथा वे अधिकृत प्रत्याशियों को समर्थन देंगे। इसी उहापोह के चलते सपा प्रत्याशी अभी चुनावी माहौल को भी नही गर्म कर सके हैं। भारतीय जनता पार्टी ने भी अभी तक किसी भी विधानसभा सीट से अपने प्रत्याशियों का ऐलान नहीं किया है। ऐसे में चुनावी दृष्टिकोण से बहुजन समाज पार्टी ही सबसे आगे निकलती देखी जा रही है।
निर्वाचन आयोग द्वारा समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह को अखिलेश को सौंपने तथा उन्हे ही राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में मान्यता दिये जाने से पार्टी कार्यकर्ताओं की निराशा व हताशा अब खुशी में तब्दील हो चुकी है। इन सबसे इतर अल्पसंख्यक मतदाता अभी भी अखिलेश को लेकर पशोपेश में है। फिलहाल अभी मतदान को लेकर एक माह से अधिक का समय बचा हुआ है। ऐसी स्थिति में चुनावी रणनीति को लेकर कुछ भी कयास लगाना जल्दबाजी ही होगी लेकिन इतना तो तय है कि समाजवादी पार्टी मंे लगभग माह भर तक चले अंर्तविरोध के चलते अल्पसंख्यक मतदाता जिस तरह से सपा के साथ थे, उसी तरह से वे आगे भी पार्टी को समर्थन देंगे, इसको लेकर संदेह है। बहुजन समाज पार्टी भी अल्पसंख्यक मतदाताओं में उहापोह की स्थिति को देख उस पर नजर लगाये हुए है। हालांकि यदि मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी का चुनाव प्रचार करने के लिए हां कर दी तो अल्पसंख्यक मतदाता एक बार फिर से समाजवादी पार्टी पर विश्वास करने से नहीं चूकेंगे।