कानपुर बारिश से कहीं ख़ुशी कहीं गम

आदिल अहमद
कानपुर नगर, बारिश का मौसम शुरू हो चुका है और मानसून कभी भी शहर में दस्तक दे सकता है। बुधवार को इसका नजारा भी दिखा जब भीषण उमस भरी गर्मी के बीच मौसम ने कंरवट ली और आसमान पर छाये काले बादल जमकर बरसे, जिससे शहरवासियों को चिलचिलाती गर्मी से आराम मिला। लेकिन नगर निगम के अधिकारी अभी तक केवल तमाशा देख रहे है। शहर के नालो की सफाई तक अभी पूरी नही हो सकी है। इसके साथ ही नगर के पुराने क्षेत्रों की गहरी नालियां जिनकी सफाई वर्षो से नही हुई है तथा यह नालियां सिल्ट से भरी पडी है ऐसे में
तय है कि बारिश के साथ ही लोगो की मुसीबतें भी बढेंगी और कई मोहल्ले टापू में तब्दील हो जायेंगे।
 भीषण गर्मी में शहरवासियों के चेहरते तब खिल उठे जब बुधवार की दोपहर आसमान पर काले बादलो को देखा। थोडी देरी में बारिश होने लगी और ठण्डी हवायें चलने लगी। बारिश को देखकर लोग खुश नजर आये, बारिश के कारण मौसम सुहावना हो गया। नगर निगम द्वारा सफाई के सम्बन्ध में जागरूक करने का अभियान चलाकर केवल दिखावा किया जा रहा है, अपने कार्यो में निगम के अधिकारी स्वयं भी पीठ भले ही थपथपा ले लेकिन हकीकत बिलकुल उल्टी है। शहर के मोहल्ले ही नही बल्कि पाॅश इलाको में गंदगी और कूडे का अंबार देखा जा सकता है। सडको पर सफाई कर्मी देर तक झाडू लगाते रहते है जबकि पहले किसी समय सुबह सात बजे तक सडको पर झाडू लगा दी जाती थी। पुराने मोहल्लो की हालत अधिक खस्ता है जहां 20 सालो से भी अधिक ने नालियो को साफ नही किया गया है।
अकेले ग्वालटोली बाजार की यह स्थिति है कि यह शहर का पुराना एरिया है और यहां गहरी-गहरी जल निकासी के लिए नालियां बनी है लेकिन व वर्षो से साफ नही हुई है। नालियां सिल्ट व गंदगी से पटी है, सफाई कर्मी व एरिया इस्पेेक्टर से कहने के बावजूद भी सफाई नही हेाती। थोडी बारिश में पानी सडको पर भर जाता है तथा नालियों की गंदगी सडक पर आ जाती है। यहीं स्थित शहर की पुरानी व घनी बस्तियों की है। स्थानीय पार्षद भी चाह कर कुछ नही कर पाते क्योंकि काम अधिकारियों को करवाना है और करना सफाई कर्मियों को है। लापरवाही और हीला हवाली के कारण शहर के कई क्षेत्र बरसात के दौरान टापू बन जाते है।
फुटपाथ कब्जे में कैसे साफ हो नालियां
हम पूरी तरह नगर निगम विभाग को भी दोषी नही ठहरा सकते है क्यों कि इसमें कहीं न कहीं हम भी दोषी है। क्या पुराने और क्या नये क्षेत्र नालियों के ऊपर दुकानदारों ने कब्जा कर रखा है। पुराने क्षेत्रो में नालियों पर पक्का  चबूतरा बनवार उन्हे बंद करवा दिया गया है जिसकी बानगी ग्वालटोली क्षेत्र में देखने को मिल जायेगी, जहां दुकानदारो ने नाली के ऊपर पक्का चबूतरा बनवाकर नाली बंद करा दी तो वहीं ग्वालटोली बाजार पंजाब नेशनल बैंक से फूलमती मंदिर तक मेन नाली बंद कर नई नाली का निर्माण कराया दिया गया, यही हालत सूटरगंज पटटी की भी है। बारिश आने को है यदि समय रहते शहर की नालियों की सफाई नही कराई गयी तो कई मोहल्लो में जल भराव होगा और कई क्षेत्र टापू बन जायेंगे।

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