कच्ची शराब कारोबारियों ने पकडी तेजी
इमरान सागर(शाहजहाँपुर)
पुलिस एंव आबकारी विभाग की तमाम सख्ती के बाद भी क्षेत्र में कच्ची शराब और ड्रग्स कारोबार तेजी पकड़ता जा रहा हैं! ड्रग्स के कारोबार से रातो रात धनपति बने माफियाँ भले ही काले को सफेद कारोबार का रूप देकर कुछ समय के लिए शांत बैठ गये हो परन्तु विगत माह नोट बंदी से सफेद कारोबर पर फर्क पड़ने के कारण अपनी इच्छाओं की पूर्ती करने के लिए एक वार फिर ड्रग्स के साथ कच्ची शराब के उत्पादन एंव उसकी पूर्ती के लिए राजनीतिक अखाड़ो की शरण में घुसने में लग गये!
जनपद की तहसील जलालाबाद, सदर, पुवाँया एंव जनपद की सबसे बड़ी तहसील के रूप में प्रसिद्ध तिलहर में भी ड्रग्स माफिया कच्ची शराब के नये कारोबारियों के रूप में पनपते का प्रयास कर रहे हैं! हालांकि बिधान सभा चुनाव के मद्देनज़र आदर्श अचार सहिंता लग जाने एक ईख के आखिरी दौर में ग्रामीण क्षेत्रो के मैदानी हो जाने के कारण उक्त माफियाओं को पुलिस और आबकारी विभाग का खतरा जरूर बना हुआ है लेकिन दशको चालाकी से ड्रग्स कारोबर करने वाले माफिया कच्ची शराब के कारोबार पर अपनी उसी चालाकी का प्रयोग कर दोनो ही विभागो की आँखो में धूल झोक कर अपने काम को अन्जाम दे कर प्रतिदिन हजारो की कमाई करने में लगे हैं।
सूत्र बताते हैं कि जलालाबाद से लेकर तिलहर तक और तिलहर से पुंवाया तक इन ड्रग्स माफियाओं की चैन कच्ची शराब बड़ी ही चालाकी से उत्पादन कर सप्लाई में लगी है तो वहीं सदर जनपद में होने के कारण कुछ हिस्सा ग्रामीण क्षेत्र होने की बजह से अछूता नही रहा! सूत्र यह भी बताते हैं कि बिधान सभा चुनाव में अधिक मांग के चलते कच्ची शराब के कारोबार में उतर कर एक बार फिर मोटी कमाई करने की पैठ बना रहे ड्रग्स माफियाओं ने उत्पादन के लिए खास तौर पर तहसील तिलहर के विभिन्न गांवो को चिन्हित कर ग्रामीण निरक्षर गरीब युवाओं को लुभावनी कमीशन ही नही बल्कि वेतन तक का बंदोबस्त पैर जमाने का तरीका अपनाया हुआ है! वही दूसरी ओर ड्रग्स एंव कच्ची शराब के उत्पादन पर पूरी तरह अंकुश लगाने में हांलाकि पुलिस और आबकारी विभाग अक्सर छापामारी करते नज़र आते हैं परन्तु सूत्रो द्वारा आधारित उक्त छापामारी कार्यवाही पूर्णत्या सफल होती नज़र नही आती।