नहीं कटा कनेक्शन फिर भी विद्युत उपभोक्ता के खिलाफ दर्ज हो गया बिजली चोरी का मुदकमा
फारुख हुसैन
पलियाकलां (लखीमपुर-खीरी)। पलिया विद्युत उपकेन्द्र के कर्मचारियों से लेकर अधिकारी तक अपने द्वारा की गई गलती को छिपाने तथा उसे सही साबित करने का हर सम्भव प्रयास करते हैं। बगैर कनेक्शन काटे ही उपभोक्ताओं को कर्मचारी लाल रंग की पर्ची दे देते हैं, जिसमें दर्शाया जाता है कि यह कनेक्शन काटा जा चुका है और दोबारा कनेक्शन जोड़ने पर उस उपभोक्ता के खिलाफ बिजली चोरी करने के तहत मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। ऐसा ही एक मामला नगर के मोहल्ला पठान प्रथम में प्रकाश में आया है।
मोहल्ला निवासी वेदप्रकाश के नाम बिजली कनेक्शन है। किसी कारणवश वेदप्रकाश बकाया बिल नहीं जमा कर पाया था। बीते दिनों विद्युत विभाग के कुछ कर्मचारी उसके घर पर आए और एक पर्ची पर साईन करा लिए। उस पर्ची पर न तो कोई तारीख डाली गई थी और न ही संयोजन ग्रुप के कालम में कुछ लिखा गया था। पर्ची पर बुक संख्या तथा योजना संख्या के कालम में भी कुछ अंकित नहीं किया गया था। पीड़ित ने बताया कि कुछ दिनों के बाद उसके घर पर पुलिस आई और उससे कहा कि तुम्हारे खिलाफ बिजली चोरी का मुकदमा दर्ज है। एसडीओ से जानकारी लेने पर उन्होंने बताया कि तुम्हारा कनेक्शन काट दिया गया था और दोबारा कनेक्शन जोड़कर बिजली चोरी करने के आरोप में तुम्हारे खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है, जबकि पीड़ित का कहना है कि उसका कनेक्शन कभी काटा हीं नहीं गया, बल्कि उसने एक माह में बिल जमा करने का समय मांगा था। इसके बाद भी उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया गया। इस प्रकरण में एसडीओ महेन्द्र कुमार से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि कनेक्शन कटवाने का काम जेई करते हैं और वही इस मामले की पूरी जानकारी देंगे। इस मामले में उपभोक्ता वेदप्रकाश को लाल पर्ची देने वाले विद्युत कर्मचारी संगम कश्यप ने बताया कि वेदप्रकाश को कनेक्शन काटे जाने की पर्ची दे दी गई थी, लेकिन कनेक्शन काटा नहीं गया था। सोचने की बात यह है कि एक ओर कर्मचारी कनेक्शन काटे जाने की पर्ची दे देते हैं और उसके बाद उपभोक्ता के खिलाफ बिजली चोरी का मुदकमा पंजीकृत करा दिया जाता है। वैसे यह मामला कोई नया नहीं है, बल्कि ऐसे कई उपभोक्ता हैं जो विद्युत विभाग के कोपभाजन का शिकार हो चुके हैं। कई उपभोक्ताओं का यह भी आरोप है कि कनेक्शन काटे जाने की धमकी देने के बाद कर्मचारी उन लोगों से अवैध तरीके से वसूली भी करते हैं। इस पर एसडीओ का कहना है कि उनके संज्ञान में ऐसा कोई मामला नहीं है। फिलहाल उपभोक्ता द्वारा शिकायत करने पर वह मामले की जांच कराकर सम्बन्धित कर्मचारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करेंगे।