झाड़ियो में तब्दील हुआ राजकीय अनुसूचित जाति छात्रावास

सूबे के समाज कल्याण मंत्री के गृह जनपद के छात्रावास का है हाल

झाडियो से भरा पड़ा है परिसर

विवेक उपाध्याय
अम्बेडकरनगर। सूबे के समाज कल्याण मंत्री शंखलाल मांझी के गृह जनपद मंे ही जिला मुख्यालय पर स्थित राजकीय अनुसूचित जाति छात्रावास का कोई पुरसाहाल नहीं है। जब से यह छात्रावास बना है तब से इस छात्रावास पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। पूरा छात्रावास परिसर झाड़ियो में तब्दील हो चुका है। छात्रावास को देखने के बाद यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि घटिया निर्माण के अलावां साफ-सफाई व्यवस्था भी यहां नदारद है। जिसके कारण छात्रावास में रहने वाले छात्रों को काफी परेशानी हो रही है।

छात्रों ने बताया कि छात्रावास परिसर और छात्रावास के अंदर बने शौचालय व स्नानगृह की सफाई कई हफ्तो से नहीं हुई है। छात्रावास के छत पर रखे खुले पानी टैंक के पानी का इस्तेमाल करना उनकी मजबूरी है, जिसकी सफाई कई सालों से नहीं हुई है। उन्ही पानी टैंको में से एक पानी टैंक का निचला हिस्सा टूट गया है, जिसकी शिकायत छात्रावास अधीक्षक से की गयी, लेकिन उसके बावजूद भी उसे न तो बदलवाया गया और न ही उसकी मरम्मत करवायी गयी। छात्रावास परिसर मंे लगे इंडिया मार्का हैंड पंप के चारो तरफ झाडिया उग गयी है, जिसकी सफाई आज तक नही करवायी जा सकी। छात्रों ने यह भी बताया कि बिजली तो आती है, लेकिन बल्ब और ट्यूब लाइट के अभाव में अंधेरे में शौचालय का प्रयोग करना पड़ता है। छात्रों ने कहा कि खेल से संबंधित आज तक कोई भी सामग्री उपलब्ध नहीं करायी जा सकी। छात्रावास में टेलीविजन लगवाने का भी आश्वासन दिया गया था जो कि अभी तक नहीं लग सका। छात्रावास परिसर की नालियां भठी पड़ी हुई है। 
छात्रावास के अंदर लगे वाश वेशिन की हालत ऐसी है कि इसका प्रयोग कर पाना संभव नहीं हो पाता। छात्रों के अनुसार छात्रावास अधीक्षक साल भर में गिने चुने दिन ही आते है, और जो सफाई कर्मी आता भी है वह सफाई के नाम पर कोरम पूरा करके चला जाता है, और हफ्तो बाद भी नजर नहीं आता। छात्रावास अधीक्षक लालजी यादव ने बताया कि जिले में कुल छः छात्रावास है, जिसमें प्रत्येक छात्रावास के लिए लगभग 35 हजार रूपया सालाना प्राप्त होता है। कोई स्थायी सफाई कर्मी नियुक्त नहीं है। जो अस्थायी सफाई कर्मी है वह भी किसी परेशानी के चलते विगत एक सप्ताह से नहीं आ रहा है। उन्होने बताया कि इस छात्रावास में 37 कमरे है, जिसमें लगभग 100 बच्चे रहते है। समाज कल्याण अधिकारी अभय कुमार सिंह ने बताया कि छात्रावास के लिए अभी कोई बजट प्राप्त नहीं हुआ है, जिससे छात्रावास की व्यवस्था सुदृढ़ की जा सके।

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