जर्जर मकानों में न रहने की जिलाधिकारी ने की अपील

सुदेश कुमार

बहराइच 04 अगस्त। वर्षा ऋतु के दौरान जर्जर मकानों के गिरने के कारण जानी व माली नुकसान को न्यून से न्यूनतम किये जाने के उद्देश्य से मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन की ओर से प्राप्त निर्देशों के अनुपालन में जिलाधिकारी ने जनपदवासियों से अपील की है कि जर्जर एवं पुराने मकानों में निवास न करें ताकि उनके गिरनें के कारण किसी प्रकार का जानी व माली नुकसान न हो। वर्षा तथा बाढ़ के समय पुराने व जर्जर भवनों के क्षतिग्रस्त होने की संभावना को देखते हुए सभी एसडीएम को ऐसे सभी भवनों का चिन्हांकन करने के साथ-साथ इस बात का व्यापक प्रचार प्रसार करने के निर्देश दिये गये हैं कि लोग ऐसे मकानों में न रहें ताकि किसी आपदा के समय में किसी प्रकार के जानी व माली नुकसान की संभावना न रहे।

मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन द्वारा वीडियो कान्फे्रन्सिंग के माध्यम से दिये गये निर्देशों के अनुपालन में जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव ने अपर जिलाधिकारी व समस्त उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि 24 घण्टे के अन्दर प्रत्येक दशा में पात्रों को आपदा राहत का वितरण सुनिश्चित कराया जाय तथा बाढ़ राहत सामग्री को कार्टन व वाटरप्रूफ पैकेटिंग मंे वितरण किया जाय। उन्होंने यह भी निर्देश दिया है कि बन्धे पर रह रहे लोगों को सर्वेक्षण कराकर चिन्हित किया जाय कि पूर्व मंे किन व्यक्तियों को पुर्नवासित किया गया है तथा कितने पुर्नवसान हेतु शेष हैं। उनके पुर्नवासन के सम्बन्ध में शीघ्र नियमानुसार कार्यवाही की जाय।

जिलाधिकारी ने सभी सम्बन्धित एसडीएम को निर्देश दिया कि नाव एवं नाविकों की प्री-पोजिशनिंग सुनिश्चित की जाय। जिससे आवश्यकता पड़ने पर सम्बन्धित से सहयोग लिया जा सके। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया है कि कम्यूनीकेशन प्लान को इस प्रकार बनाया जाय कि प्रत्येक प्रभावित ग्रामों में कम से कम 50 व्यक्तियों के मोबाइल पर बाढ़ कन्ट्रोल रूम से एलर्ट किया जा सके।

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