यमनी फ़ॉरेसेज की ड्रोन से कार्यवाही सऊदी अरब की कमज़ोरी का सूचक

आदिल अहमद

यमन के अंसारुल्लाह आंदोलन ने कहा है कि दक्षिणी सऊदी अरब के असीर प्रांत में मलिक ख़ालिद हवाई छावनी को ड्रोन से निशाना बनाया। यमनी सेना के एयर डिफ़ेन्स ने इसी तरह देश के उत्तरी प्रांत जौफ़ के अलमस्लूब ज़िले में सऊदी गठबंधन के एक जासूसी ड्रोन को भी तबाह किया।

हालिया दिनों में यमनी सेना और स्वंयसेवी बलों के मुहंतोड़ जवाबी हमले और विविधतापूर्ण सैन्य टैक्टिक से अतिक्रमणकारी सऊदी गठबंधन भौचक्का हो गया है और व्यवहारिक रूप से जंग के मैदान का समीकरण यमनी फ़ोर्सेज़ के हित में हो गया है।  इस परिप्रेक्ष्य में यमनी फ़ोर्सेज़ की ड्रोन की सफलतापूर्वक कार्यवाही   दुश्मन के ख़िलाफ़ लड़ाई में मूल बदलाव समझी जाती है। यमनी फ़ोर्सेज़ के ड्रोन व मीज़ामल हमले, अभी कुछ दिन पहले सऊदी अरब की अरामको कंपनी के प्रतिष्ठान पर मीज़ाईल से कार्यवाही के साथ ही नए चरण में दाख़िल हो गए हैं। यमनी फ़ोर्सेज़ की ड्रोन कार्यवाही से एक बार फिर यमनी जनता के मुक़ाबले में सऊदी अतिक्रमणकारियों की कमज़ोरी पहले से ज़्यादा स्पष्ट हो गयी है।

लेबनान की अलअहद वेबसाइट के अनुसार, यमन के ख़िलाफ़ जंग में अतिक्रमणकारी आले सऊद शासन की नाकामी जारी है और यमनियों की ओर से ड्रोन कार्यवाही में तेज़ी से आले सऊद की नाकामियां और तेज़ी से स्पष्ट होती जा रही हैं।

इस समय यमनी फ़ोर्सेज़ की ड्रोन शक्ति अतिक्रमणकारियों के लिए ख़तरा बन चुकी है। यमन पर सऊदी अरब का अतिक्रमण ऐसी हालत में जारी है कि यमनी जनता के मुंहतोड़ प्रतिरोध से आले सऊद शासन पहले से ज़्यादा भौंचक्का हो गया है।

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