कहा है गौरक्षक और गौसेवक, कालपी में अन्ना गोवंशो का बुरा हाल, किसान भी हुवे बेहाल
रवि कान्त
कालपी (जालौन). कालपी में अन्ना गोवंशों का बुरा हाल, हाइवे पर अन्ना गोवंश हादसे का सबब बन रहे है. अन्ना गोवंशों का कोई संरक्षण न होने से हाइवे व नगर की सड़कों पर भूख और प्यास से तड़पते आवारा घूम रहे हैं। इस ओर प्रशासन जरा भी ध्यान नहीं दे रहा है। हाइवे पर झुंड के झुंड़ जानवर हादसों का भी सबब बनते हैं। प्रशासन तो छोड़े साहब खुद को गौरक्षक और गौसेवक बताने वाले भी इस तरफ ध्यान नहीं रहे है.
प्रदेश मे भाजपा की सरकार बनते ही गौवंशों के संरक्षण का मामला सदन तक उठाया गया था। इसके बावजूद सैकड़ों की संख्या में गौवंश के झुंड हाइवे व नगर की सड़कों पर आवारा घूमते नजर आते हैं। जो भूख से व्याकुल कूड़े व कचरे के ढेर में अपनी भूख मिटाने के लिये जद्दोजहद करते हैं। वहीं प्यास लगने पर गोवंश नाली व नालों का गंदा पानी पीते नजर आते हैं। प्रशासन द्वारा अन्ना गोवंशों के संरक्षण के लिये न्याय पंचायत स्तर पर गोशाला खोलने के लिये जगह का चुनाव तो कर लिया, लेकिन आगे की कार्रवाई अभी भी जहां की तहां रुकी है। इससे गोवंश नगर में दर दर भटकते रहते हैं। उधर, किसान भी गांव के अन्ना जानवरों को शहर में ही गौशाला में छोड़ जाते हैं लेकिन दो सौ की क्षमता वाली गोशाला में पहले से ही एक हजार गोवंश को संरक्षित किया है।
कई किसानों की फसल की बर्बाद
यही नहीं भूखे प्यासे ये अन्ना पशु किसानो के लिये भी परेशानी का सबब बनते जा रहे है. इनके झुण्ड जिस खेत की तरफ निकल जा रहे है वह खेत पूरा तहस नहस हो जा रहे है. कई कई दिनों तक कूड़े करकट से पेट भरने वाले ये अन्ना पशु सामने हरे भरे खेत देख खुद को रोक नहीं पाते है फिर उस खेत में घुसे अन्ना पशुओ को निकालना मुश्किल का सबब हो जाता है.