जब डीएम से भी मिली दुतकार तो अब किससे करे न्याय की दरकार
पति की सेवा पुस्तिका नाम दर्ज कराने के लिए भटक रही पत्नी
20 जनवरी को शादी के बाद बनवाया था विवाह प्रमाण पत्र
अनंत कुशवाहा
अम्बेडकरनगर। आखिरकार पीड़ितो को न्याय कैसे मिले जब जिले के आला अधिकारी ही उस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहे है। जिलाधिकारी के पास शिकायती पत्र लेकर पहुंची महिला को जिलाधिकारी ने दोबारा आने पर जेल भेजने की धमकिया देते हुए वहां से भगा दिया। सवाल है कि पीड़िता अब अपनी फरियाद करे तो किससे जब आला हाकिम भी नहीं ध्यान दे रहे है।
अकबरपुर थानान्तर्गत इंद्रलोक कालोनी निवासी खुशबू का आरोप है कि उसके पति उपसंभागीय परिवहन कार्यालय में लिपिक के पद पर कार्यरत है। परिवार रजिस्टर में हमारा नाम बतौर पत्नी दर्ज है। जब सर्विस बुक में नाम डलवाने के लिए उपसंभागीय परिवहन अधिकारी के यहां प्रार्थना पत्र दिया तो उन्होने भी डांट कर भगा दिया। जब गुरूवार को जिलाधिकारी के पास प्रार्थना पत्र लेकर पहंुची तो जिलाधिकारी ने यह कहते हुए डांट कर भगा दिया कि दोबारा अगर दिखायी पड़ी तो जेल भेजवा दूंगा। जिलाधिकारी का यह बर्ताव देख पीड़िता परेशान हो उठी। मीडिया कर्मियो को उसने रोते हुए आप बीती बतायी। गौरतलब है कि उपसंभागीय परिवहन कार्यालय में कार्यरत लिपिक राकेश खुशबू के साथ शादी का झांसा देकर दुराचार करता रहा। बाद में जब वह दूसरी जगह अपनी शादी तय कर लिया तो खुशबू ने इस बावत मुकदमा पंजीकृत करवाया था। मुकदमा दर्ज होने के उपरांत राकेश जेल भी जा चुका है। इसी वर्ष 20 जनवरी को दोनों ने शिवबाबा मंे शादी कर विवाह प्रमाण पत्र भी बनवाया था। अब राकेश उसे मायके से लेकर नही जा रहा है।