अधिकारियों से किसानों की वार्ता हुई विफल : किसान जमे रहेंगे धरने पर

सरताज खान

गाजियाबाद। मंडोला आवास विकास योजना से प्रभावित खेत जोतकर उस पर अपना कब्जा बनाने की बात पर अड़े किसानों के उक्त प्रकरण को लेकर जहां प्रशासन ने उन्हें वार्ता के लिए कलेक्ट्रेट बुलाया था।वार्ता तो हुई लेकिन पहले की तरह बेनतीजा रही। वार्ता के मामले में कई बार धोखा खा चुके किसानों ने अपना धरना समाप्त करने से साफ इंकार कर दिया। जहां सैकड़ों महिला व पुरुष किसानों के साथ 11 पुरुष और 7 महिला किसान आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं।

आवास विकास योजना से प्रभावित मंडोला समेत 6 गांव के किसान अपनी अधिकृत भूमि के मुआवजे की मांग को लेकर पिछले लगभग 22 माह से लगातार आंदोलन करते आ रहे हैं। मगर सरकार द्वारा कोई सुनवाई नहीं किए जाने पर अपनी चेतावनी अनुसार 14 अगस्त के दिन दर्जनों ट्रैक्टरों के साथ अपनी अधिकृत भूमि को जोतकर उस पर पुनः कब्जा बनाने के लिए रवाना हुए थे। जिन्हें भारी पुलिस बल सहित वहां मौजूद पुलिस प्रशासन के आला अधिकारियों ने गेट पर ही रोक लिया था और मजबूर किसान वहीं धरने पर बैठ गए थे। जिनमें 11 किसानों द्वारा आमरण अनशन पर बैठने के बाद अगले दिन 7 महिला किसान भी आमरण अनशन पर बैठ गई थी। जिनमें शर्मिंटा, शबनम, जयवती, शकुंतला, सीमा, बबली व सरिता शामिल है। जिन्हें लगातार चार दिन बीत जाने के दौरान उनका स्वास्थ्य खराब होने पर प्रशासन द्वारा उनका स्वास्थ्य परीक्षण भी कराया था। उधर किसानों द्वारा अपने खेत जोतने के बाद ही वापस घर पर जाने की बात पर अडिग किसानों के बीच बढ़ते रोष के मद्देनजर आखिर प्रशासन ने उनके साथ वार्ता कर कोई बीच का रास्ता निकालने की बात कही थी। जिसके मद्देनजर किसानों का 21 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल कमिश्नर के साथ वार्ता करने के लिए पहुंचा।

हालांकि आंदोलन का नेतृत्व कर रहे किसान नेताओं ने अपनी मांग पूरी नहीं हो जाने तक उक्त धरने को लगातार जारी रखने की बात कही है और जहां वह वार्ता के लिए पहुंचे थे ,वही सैकड़ों महिला व किसान धरने पर बैठे हुए थे।शनिवार को कलेक्ट्रेट सभागार में किसान नेता मनवीर तेवतिया समेत किसान प्रतिनिधिमंडल से अधिकारियों की सभी बिंदुओं पर चर्चा हुई। जिसके बाद अधिकारियों ने सरकार तक उनकी मांग भेजने का आश्वासन दिया।जिससे किसान बिफर पड़े और कहने लगे कि पहले भी उन्हें इसी तरह के झूठे आश्वासन मिले ,जब तक उनकी मांग पूरी नही होगी तब तक किसान नही उठेंगे।

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