मुक्त विश्वविद्यालय में होगा ‘‘अटल स्मृति द्वार’’

आफ़ताब फ़ारूक़ी

इलाहाबाद। राष्ट्रीय पुनर्निर्माण में भारत रत्न स्व0 अटल बिहारी बाजपेयी के योगदान को देखते हुए उ0प्र0 राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद ने शनिवार को आज सहमति से गंगा परिसर स्थित प्रशासनिक भवन के मुख्य द्वार का नाम ‘‘अटल स्मृति द्वार’’ के नाम पर रखने का निर्णय लिया।
विद्यापरिषद सहित विश्वविद्यालय के शिक्षकों एवं कर्मचारियों ने कार्यपरिषद के उक्त निर्णय की सराहना करते हुये कहा कि विश्वविद्यालय ने सही समय पर यह निर्णय लेते हुए अटल जी के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि व्यक्त की है। मुख्य प्रवेश द्वार का नामकरण अटल जी के नाम पर रखे जाने से उनकी स्मृति विश्वविद्यालय में प्रवेश करने वाले हर व्यक्ति के मन मस्तिष्क पर जीवंत रहेंगी। उल्लेखनीय है कि उ0प्र0 राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय में पहले से ही पं0 अटल बिहारी बाजपेयी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व के विविध पक्षों यथा सैद्धान्तिक सोच पत्रकारिता, काव्यशैली, भाषणशैली एवं उनके योगदान आदि पर ‘अटल बिहारी बाजपेयी शोधपीठ’ की स्थापना की है। उनकी विचारधारा एवं योगदान के समसामायिक महत्व को देखते हुए पं0 अटल बिहारी बाजपेयी के जन्मदिन के अवसर पर 25 दिसम्बर 2018 को भारत कल, आज और कल विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा।
उक्त जानकारी पं0 अटल बिहारी बाजपेयी शोधपीठ के निदेशक प्रो0 गिरिजा शंकर शुक्ल ने दी। कार्यपरिषद की बैठक के बाद कुलपति प्रो0 कामेश्वर नाथ सिंह ने विश्वविद्यालय के ‘‘विजन डाक्यूमेंट’’ का विमोचन किया, जिसमंे विश्वविद्यालय द्वारा संचालित शैक्षिक कार्यक्रम एवं प्रस्तावित कार्ययोजना समाहित है। इस अवसर पर कुलसचिव डाॅ0 ए0के0 गुप्त, प्रो0 ओमजी गुप्ता, प्रो0 पी0पी0दुबे, प्रो0 आर0पी0एस0 यादव, प्रो0 आशुतोष गुप्ता, प्रो0 पी0के0 पाण्डेय आदि उपस्थित रहे।

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