नो एनसीआर, अब होगी केवल एफआइआर
कनिष्क गुप्ता.
इलाहाबाद : नो एनसीआर, अब केवल एफआइआर। जी हां। जिले के पुलिस थानों पर अब ऐसा ही होगा। इस व्यवस्था से जहां पीड़ित लोगों को राहत मिल सकेगी, वहीं अपराधियों पर पुलिस शिकंजा भी कस सकेगी।
एनसीआर यानी नॉन क्रिमिनल रिपोर्ट। ऐसे विवाद जिसमें पुलिस सीधे हस्तक्षेप नहीं करती और न ही उसकी विवेचना करती है। आमतौर पर मामूली झगड़ों और दो पक्षों के बीच छोटे-छोटे विवादों पर पुलिस एनसीआर ही लिखती थी। इसमें मुकदमा अपराध संख्या न होने और धारा न लगने के कारण आरोपित पक्ष पर दंडात्मक कार्रवाई नहीं होती थी। इसके चलते कई बार विवाद करने वाले शख्स मनबढ़ हो जाते थे। वह पीड़ित को एनसीआर का हवाला देकर धमकाते भी थे और दोबारा अपराध करते, जो कई बार बड़े बवाल का भी रूप ले लेते थे। इस तरह के कुछ प्रकरण सामने भी आ चुके हैं। ऐसे लोगों पर कड़ी कार्रवाई करने के लिए एसएसपी नितिन तिवारी ने अब सभी तरह के विवाद पर एफआइआर यानी प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश दिया है। इस संबंध में सभी पुलिस अधिकारियों, सीओ और थानेदारों को आदेश भी दे दिए गए हैं।
एफआइआर दर्ज होने पर पुलिस उस मुकदमे की विवेचना करेगी और आरोप पत्र कोर्ट में पेश करेगी। आरोप साबित होने पर आरोपित को दंड भी मिलेगा। ऐसे में माना जा रहा है कि एफआइआर के जरिए अपराधियों पर लगाम लगाने के साथ ही पीड़ितों के साथ न्याय करने में पुलिस की अहम भूमिका होगी। इसी तरह डायल 100 की पुलिस भी अपराध या विवाद होने पर खुद मुकदमा दर्ज कराएगी।
एसएसपी नितिन तिवारी ने बताया कि अब सभी तरह के विवाद पर एनसीआर की बजाए एफआईआर दर्ज करने का आदेश हुआ जिससे अपराध और अपराधियों दोनों पर अंकुश लगेगा।