भदोही जनपद के दो अलग-अलग स्थानों पर जहरीले जंतु के काटने से दो की मौत, झाड़-फूंक के चक्कर में फंसकर काल के गाल में समा रहे हैं लोग

भदोही-ज्ञानपुर मार्ग के घराँव में उल्टी, दस्त, बुखार, चक्कर जैसे मर्ज को झाड़-फूंक से ठीक करने का बाबा करता है दावा

प्रदीप दुबे विक्की

भदोही-जनपद में बारिश के मौसम में जहरीले जंतुओ के काटने से हो रही मौतो का सिलसिला बढ़ता ही जा रहा है। आए दिन जहरीले जंतुओ के काटने का मामला सामने आ रहा है। इस तरह के जहरीले जंतुओ के काटने के बाद ग्रामीण इलाज के बगैर सीधे झाड़-फूंक के चक्कर में पड़ जा रहे हैं। जहां सर्प दंश का शिकार काल के गाल में समा जा रहा है। जागरूकता के अभाव में लोग जहरीले जंतु के शिकार व्यक्ति को सीधे अस्पताल न ले जाकर गली-कुची व सड़को के किनारे अपनी दुकान सजाकर बैठे झाड़-फूंक करने वाले बाबाओं के चक्कर में फंसकर जिंदगी जोखिम में डाल रहे हैं। ऐसा ही मामला आज सोमवार को देखने को मिला। जहां जिले के भदोही कोतवाली क्षेत्र के मोढ़ के भानूपुर निवासी केशव नाथ दुबे की पुत्री 17 वर्षीय आंचल देर शाम शौच के लिए जा रही थी। इसी तरह किसी विषैले जंतु ने काट लिया, वह अचेत हो गई।

उसके बाद परिजन झाड़-फूंक के उलझ गये। हालत में सुधार होता न देख उसके बाद परिजन नगर के इंदिरामिल स्थित एक निजी हाॅस्पिटल ले गये। जहां डाॅक्टरो ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसी तरह दूसरी घटना गोपीगंज के बैरीबीसा गांव में निवासी संत लाल का पुत्र चंदन अपने घर के पास बने पुराने मड़हे के पास टहल रहा था। इसी दौरान उसे सांप ने डंस लिया। बच्चे की हालत बिगड़ने लगी। इसे भी परिजन झाड़-फूंक के लिए ले गये। जहां उसकी मौत हो गई। जिले में बारिश के बाद जहरीले जंतुओं के काटने का सिलसिला जारी है। जिससे अब तक कई लोगो की मौत भी हो चुकी है। विडम्बना यह है कि लोग सर्प दंश व जहरीले जंतु के काटने के तुरंत बाद झाड़-फूंक करने वाले लोगो के चंगुल में फंस जाते हैं। अगर झांड़-फूंक के बजाये यह सीधे इलाज हेतु किसी सरकारी या गैर सरकारी अस्पतालों में पहुंचे तो हद तक जान बच सकती है। हालांकि जिले में गली-कुची, शहर, नगर कस्बो में ऐसे झाड़-फूंक करने वाले बाबाओं की भरमार हो गई है। उनके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई न करने से ऐसे लोगो कि संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। ज्ञानपुर क्षेत्र के भदोही-ज्ञानपुर मार्ग स्थित घरांव में एक झाड़-फूंक करने वाला बाबा जो कभी नाचने व गाने का काम करता था। वह अब झाड़-फूंक की दुकान चला रहा है। उक्त बाबा बुखार, खांसी, उल्टी, दस्त को भी झाड़-फूंक से सही करने का दावा करता है।

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