साहब निर्माण कार्य में गति नहीं है, जामनगर में काम भी जाम है क्या ?
रविकांत
जालौन कालपी. पिछले डेढ दशक के बाद सैकडो़ जाने तथा सैकडो़ निर्दोषों को विकलांग करने के बाद नगर को जाम नगर के नाम से प्रसिद्धी देने के बाद नगरवासियों के काफी संघर्ष करने के उपरान्त राज्य से लेकर केन्द्र सरकार के दरबार मे हाइवे निर्माण की फरियाद पहुंची तब जाकर हाइवे अधिकारियों की निद्रा टूटी और मन्दिर मस्जिद के पेंच मे फसाने की कोशिस नाकाम हुई और अन्त मे नगर वासियों के खून की कीमत पर हाईवे मे ओवर ब्रिज की मॉग को ठुकराकर चार अंडर पास से नगर को दो हिस्सों मे बॉट कर पिछले दो माह पहले निर्माण कार्य प्रारम्भ हुआ !
अब कार्य की हकीकत भी सुनलो एक पोकलेंण्ड मशीन से एक दिन मे १० मीटर भी काम नहीं होता और हॉप कर खढी हे जाती है जिस गति से काम हो रहा है उससे लगता है कि ये कार्य कोई निर्माण कम्पनी नहीं अपितु कोई साधन विहीन ठेकेदार करवा रहा है ! जबकि मन्दिर मस्जिद के विपरीत वाले सर्विस रोड बनाने मे कोई वाधा नहीं है फिर भी जिस कच्छप गति से काम चल रहा है उस हिसाब से ये ८०० मीटर हाइवे के निर्माण मे एक वर्ष से अधिक समय लग सकता है ! हाइवे अथारटी द्वारा जितना काम नहीं होती उससे ज्यादा मीटिंग हो रही है ! वहीं कुछ हमारे मीडिया के बन्धु इस खबर को इतना बढा चढा कर पेस करदेते है कि उसे पढ़कर लगता है कि अब एक महिनें मे ही काम पूरा हो जायेगा ! जैसे गरजी मशीने चले हथौढे लगा फोर्स जैसी बातें लिख कर जनता को गुमराह करते है जबकि हकीकत देंखे तो दो माह मे कितना काम हुआ इसका आंकलन कर उसे लिखें सच सामने आ जायेगा !
वहीं गौर करने वाली बात ये है कि जगह जगह मिटटी का ढेर लग जाने से आवा गमन मे कितनी दिक्कत बढ रही है! गौर करने वाली बात है ! रोड पर हेवी हेवी जान लेवा गडढे हो गये है और सितम्बर के अन्त तक रोड नहीं बना तो भारी मुशीबत पैदा हो जायेगी क्योंकि अक्टूबर मे मोरम घाट चालू हे जायेंगे फिर ट्राफिक की कैसी हालत होगी लिखना आवश्यक नहीं समझता !