जूनियर विश्व कप विजय में बाँदा के लाल अशफाक उल्लाह खान का योगदान
गज़न्फर अली/ शाहनवाज खान
बाँदा . 15 साल बाद भारत ने जूनियर विश्व कप का ख़िताब जीता। इस जीत मे हमारे ज़िले बाँदा के छावनी निवासी अशफ़ाक़ उल्लाह खान पुत्र जमाल मास्टर साहब का भी काफी योगदान रहा है। एक बार फिर अशफ़ाक़ ने बाँदा, बुंदेलखंड का गौरव पूरे भारत में बढ़ाया है ।अशफ़ाक़ ने बाँदा से बीपीएड की पढ़ाई की फिर MPED नॉएडा के एमिटी यूनिवर्सिटी से पूरा किया। अभी हॉकी इंडिया में रहते हुए मानव रचना इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी से PHd कर रहे है।
अशफ़ाक़ ने कक्षा ६ से हॉकी खेलना शुरू किया। हॉकी के प्रति प्रेम और समर्पण के चलते उन्होंने 2013 मे हॉकी इंडिया ज्वाइन की. जंहा वो असिस्टेंट मेनेजर के पद पर तैनात है. देश भर मे राष्ट्रीय एवं अंतररास्ट्रीय हॉकी मैचों के सफल आयोजन मे अशफ़ाक़ का खासा योगदान रहा है.
हॉकी इंडिया भारत में महिलाओं और पुरुषों दोनों हॉकी के खेलो का संचालन करती है देश की सारी हॉकी अकादमी एवं हॉकी की प्रदेश यूनिट हॉकी को बढ़ावा देने के लिए इसी से मान्यता प्राप्त करती है तथा यही भारत मे हॉकी की एकमात्र संस्था है.
हॉकी इंडिया देश में हॉकी के विकास के लिए प्रतिबद्ध है, भारत में खेल विभाग एवं खेल प्राधिकरण की सहायता से हॉकी इंडिया भारत मे खिलाड़ियों को प्रशिक्षित कर विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराती है। हॉकी इंडिया नियमित रूप से रास्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता का आयोजन करती रहती है ।
अशफ़ाक़ का कहना है कि हॉकी एक टीम गेम है टीम को जीतने के लिए सभी प्लेयर्स का अपना योगदान देना होता है उसी प्रकार किसी भी राष्ट्रीय एवं अंतरष्ट्रीय मैचों के सफल आयोजन के लिए भी हमारे टीम के प्रत्येक सदस्य को दिन रात मेहनत करनी पड़ती है. हम सब मिल कर अपने रास्ट्रीय खेल का वही पुराना स्वर्णिम युग लाना चाहते है जो ध्यान चंद के युग मे होता था और हमारा प्रयास यही है कि भविष्य मे भी भारतीय टीम जीते और हमारे देश का नाम रोशन करे।