बेनामी मौत मारा गया आतंक का पर्याय रईस बनारसी, बाकि है मगर कई सवाल
तारिक आज़मी
वाराणसी। आज जनपद में उस समय अफरा तफरी का माहौल हो गया जब अचानक नगर के दशाश्वमेध थाना क्षेत्र के बंगाली टोला क्षेत्र के पातालेश्वर इलाके में वहीं के निवासी राकेश अग्रहरी को बदमाशो ने गोली मार दी। जिससे वो लहूलुहान होकर वहीं गिर पड़ा, जिसे परिजनों व स्थानीय लोगो के द्वारा इलाज के लिये मण्डलीय अस्पताल कबीरचौरा ले आया गया जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
वहीं दूसरी ओर दशाश्वमेध थाना क्षेत्र के ही लंगड़ा हाफ़िज़ मस्जिद के पास गोली से घायल होने के बाद इलाज के दौरान मृत होने की सूचना मिली। जिस पर कबीरचौरा अस्पताल में एसपी सिटी सहित कई क्षेत्राधिकारी व कई थानों के थाना प्रभारी व फ़ोर्स मौके पर पहुंच गई। वही एक मृतक की शिनाख्त राकेश अग्रहरी निवासी बंगाली टोला हुई तो वहीं दूसरे की शिनाख्त न हो पाने की दशा में प्रशासन सतर्क थी कि इसी दरम्यान दूसरे मृतक की शिनाख्त जनपद के 50 हज़ार के इनामिया कुख्यात बदमाश रईस बनारसी के रूप में हुई।
बताया जाता है कि रईस बनारसी के ऊपर उत्तर प्रदेश सरकार ने 50 हज़ार का इनाम घोषित कर रखा था। बताया जाता है कि देर शाम गोलियों से घायल हुआ व्यक्ति नई सड़क क्षेत्र की प्रसिद्ध लंगड़े हाफिज मस्जिद में लहूलुहान होकर घुसा था।
क्या है क्षेत्र में चर्चा
प्रत्यक्षदर्शियो के चर्चाओं के अनुसार उस घायल युवक के साथ दो अन्य युवक हेलमेट लगाये हुवे थे. कुछ चर्चाये ऐसी भी है की घायल रईस के साथ ऊपर तक आये युवक को रईस ने अपने जेब से पैसे मोबाइल पर्स और अपना असलहा तक दिया. इस दौरान 100 पर भी किसी के द्वारा काल करने की अपुष्ट सुचना प्राप्त हो रही है. चर्चा है की रईस के सभी सामान लेकर वह युवक और उसके साथ का दूसरा युवक हेलमेट लगाये हुवे पैदल ही चले गये. हाथो में असलहे देख मौके पर मौजूद लोगो की हिम्मत शायद छुट गई होगी और युवक भाग निकले होगे. जिस प्रकार से वह युवक आये और गये उससे चर्चाओ को बल मिला और अंदाजा लगाया जा रहा है की उसके साथ के दोनों युवक आस पास के क्षेत्र के भी हो सकते है. हेलमेट के वजह से उनकी कोई शिनाख्त नहीं हो पाई.
घायल युवक को देख मस्जिद के लोगों और स्थानीय लोगो ने तुरंत कबीरचौरा अस्पताल पहुंचाया जहां उसकी इलाज के दौरान मौत हो गयी। बताया जाता है कि शुक्रवार की देर शाम पहले ये खबर सुनने को मिली कि दशाश्वमेध थाना क्षेत्र के लंगड़ा हाफिज मस्जिद के पास गोली चली है, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गयी है। बाद में पुलिस ने इस बात को स्पष्ट किया कि दशाश्वमेध थानान्तर्गत देवनाथपुरा इलाके में क्रास फायरिंग में दोनों की जानें गयी हैं। वहीं स्थानीय चर्चाओं की मानें तो एक युवक खून से लहुलुहान लंगड़े हाफ़िज़ मस्जिद में घुसा और फर्श पर गिर गया, जिसे दो हेलमेट लगाये व्यक्ति के द्वारा मस्जिद में पहुंचाया गया था, जिसे स्थानीय लोगों ने उसे कबीर चौरा अस्पताल पहुंचाया था। चर्चाओ को आधार माने तो घायल रईस बनारसी खुद चल कर सीढ़ी से ऊपर आया था और उसके पहले उसको लेकर आये युवक उसको बाइक से लेकर आये थे.
सूचनाओं के आधार पर मरने वाला शख्स अपराध की दुनिया में मज़बूती से आगे बढ़ रहा रईस बनारसी ही है। वहीं कबीरचौरा अस्पताल पहुंचेे एसपी सिटी दिनेश कुमार सिंह ने मीडिया कर्मियों को बताया कि दशाश्वमेध इलाके में हुई क्रॉस फायरिंग से दोनो ने अपनी जान गंवाई है। जिसमे एक 50 हजार का इनामी कुख्यात बदमाश रईस बनारसी है तो दूसरा उसी का साथी राकेश अग्रहरी है। गौरतलब है कि अपराध का पर्याय रईस बनारसी कानपुर में सन 2012 में चर्चित शानू ओलंगा समेत आधा दर्जन से ज्यादा हत्याओं में शामिल था। प्रदेश की पुलिस के लिए सिरदर्द बना यूपी का चर्चित बदमाश रईस सिद्दीकी उर्फ रईस बनारसी 22 अक्टूबर को बनारस की जिला जेल से बरेली शिफ्ट करते समय रास्ते में ही पुलिस वैन से कूदकर भाग निकला था। जिसे एसटीएफ सहित क्राइम ब्रांच की टीम काफी सरगर्मी से तलाश कर रही थी कि आज उसकी लाश मिली।
कौन है राकेश अग्रहरी क्या कहता है उसका परिवार
वहीं दूसरी ओर बंगाली टोला में मारे गए राकेश अग्रहरी पर अपनी मां को जान से मारने की नीयत से सन 2017 में 3 गोलियां मारी गई थी जिसके संबंध में इसके ऊपर संबंधित थाने में मुकदमा भी दर्ज हुआ था। वहीं चर्चाओं के अनुसार रईस बनारसी व राकेश अग्रहरी दोनों साथ मे ही रहते भी थे। वही राकेश के परिजनों का कहना था कि राकेश की हत्या जमीन/मकान संबंधित विवाद में हुई है। वहीं दूसरी ओर आधिकारिक बयानों को देखा जाय तो यदि इन दोनों में आपस मे क्रॉस फायरिंग हुई तो रईस नई सड़क लंगड़ा हाफिज मस्जिद कैसे पहुंचा,
बड़ा सवाल.
इस दोनों हत्याओ को लेकर कई सवाल खड़े है जिसका जवाब शायद अभी भी पुलिस के पास नही है. पहला सवाल तो ये है की वह दोनों हेलमेट धारी कौन थे जो रईस बनारसी को लेकर आये थे ? जैसा चर्चा है की रईस ने एक हेलमेट धारी को अपने असलहे पास के पैसे मोबाइल इत्यादी दिये तो इस चर्चा को बल इस बात से और भी मिलता है कि रईस बनारसी के पास असलहा और सूत्रों के अनुसार मोबाइल बरामद नही हुआ है. एक बड़ा सवाल यह भी है कि आखिर रईस बनारसी बनारसी को गोली लगी कहा और वह हेलमेट धारी युवक थे कौन ? सबसे बड़ा सवाल ये है कि वह युवक अगर क्षेत्र के नहीं थे जैसा कि प्रत्यक्षदर्शी कह रहे है कि उनको पहचान नही सके तो फिर पेचीदा दलीलों जैसी गलियों के रास्ते कैसे उनको पता थे ? कही न कही पुलिस के जाँच का विषय यह भी होना चाहिये कि कही खौफ के साये में स्थानीय लोगो की जुबान पर ताला तो नही पड़ा है. खैर पुलिस की विवेचना पुलिस का विषय ही मगर आज कानपुर के कुछ इलाको में ख़ुशी की लहर देखे जाने की सूचनाये भी प्राप्त हो रही है जहा के लिये रईस बनारसी आतंक का दूसरा नाम बन चूका था साथ ही पुलिस को भी राहत मिली है.