अहले सुन्नत वल जमाअत ,सुन्नी दावत -ए-इस्लामी जश्ने -ईद -मिलादुन्नबी कांफ्रेस रामगंज चोपड़ कुरआन -ए-पाक की तिलावत से आगाज हुआ
और कहा इनके बताये हुए रास्ते पर चले ।हाजी भूरी खान ने सभी शहर वासियो से जुलुस -ए-मोहम्मदी दो पहिये के वाहन न लाये ।शहर के कई जगहों पर जश्ने -ईद-मिलादुन्नबी जलसे और कॉफ्रेंस तकरीर का दौर रहा ।हाजी रफत ने आम लोगो से गुजारिश हे ।की ईद मिलादुन्नबी के जुलुस 12 दिसम्बर को दो किलो केले मिठाइयां (ड्राई फ़ूड )आदि कर्बला में अपनी हैसियत की मुताबिक तकसीम करे ।वाहिद यजदानी ने कहा की नबी के नाम पर हम सब एक हे ।आओ जश्ने ईद मिलादुन्नबी मनाये ।आलिमो ने कहा अल्लाह की सबसे बड़ी नियामत मिलने पर ख़ुशी मनाने का हुक्म हे इससे बढ़कर दुनिया में कोई दूसरी नियामत नहीं है।कारी गुलाम मोईनुद्दीन ने अपनी तकरीर में कहा की पाक रहना आधा ईमान हे ।और वतन से मोहब्बत करना भी आधा ईमान हे ।बड़ी मस्जिद के इमाम इरफ़ान ने कहा की इस ख़ुशी के मोके पर गरीबो की मदद करना चाहिए जगह जगह लंगर करना चाहिए ।बेवाओं की मदद और यतिमो की मदद करनी चाहिए ।लुहारों का खुर्रे पर 11 दिसम्बर की रात 8 बजे शहर मुफ़्ती अब्दुल सत्तार साहब की निगरानी में भारत के कई राज्यो से घर्म गुरु तकरीर करेगे ।जिसमें करीब 25 हजार लोग शिरकत करने की संभावना है।