विश्व रिकार्ड धारक यतीश पहुचे पलिया, दिया बच्चो को पढाई की टिप्स
फारुख हुसैन
पलिया कलां (लखीमपुर): पढऩे का विश्व रिकार्ड बनाने वाले गोला के यतीश शुक्ला शुक्रवार को विशेष आमंत्रण पर पलिया पहुंचे। यहां एक स्कूल में समाजसेवी एवं पलिया जिला बनाओ मंच के संयोजक रवि गुप्ता द्वारा यतीश के सम्मान में समारोह का आयोजन किया गया था। बच्चों के बीच पहुंचे यतीश ने अपने अनुभव, पढऩे, याद करने के टिप्स साझा किए और बच्चों द्वारा पूछे गए प्रश्नों का उत्तर भी दिया। बच्चों से मिले रिस्पांस व अभिनंदन से यतीश बेहद प्रसन्न नजर आए।
स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में बच्चों को संबोधित करते हुए यतीश ने कहा कि आप कितने घंटे पढ़ते हैं,बच्चों में से जवाब मिला दो, तीन, चार घंटे। यतीश ने कहा मैंने पांच दिन लगातार बिना रूके 123 घंटे 34 मिनट 33 सेकेण्ड पढ़ा है, इस पर बच्चों ने तालियां बजाकर उनका अभिनंदन किया। यतीश ने कहा कि पढाई मस्ती के साथ करो, बोझ समझ के नहीं। जो काम करना हो उसे पूरे मन से करना चाहिए। बच्चों से अपील की कि वे अपने माता-पिता का कहना मानें। वे ही उनके पहले शिक्षक होते हैं। एक बच्ची ने सवाल किया कि पढ़ते समय क्या उन्हें कभी नींद नहीं आई। यतीश ने जवाब दिया कि उन्होंने ठान लिया था कि वे रूकेंगे नहीं, इसीलिए नींद भी नहीं आई। बताया कि पढने का विश्व रिकार्ड पिछले दस सालों से नेपाल के नाम था। भारत के नाम आज से पहले यह रिकार्ड कभी नहीं रहा।
\आज उन्हें यह रिकार्ड भारत के नाम लाने के लिए गर्व महसूस होता है। एक दिलचस्प बात यतीश ने बताई कि जब वे गोरखपुर में बच्चों को पढाते थे तो एक बार लगातार 148 घंटों की क्लास ली थी। बच्चे बदलते चले जाते थे और वे बिना रूके पढाते चले जाते थे। उन्होंने बैंक की अपनी नौकरी के बारे में भी बच्चों को जानकारी दी। साथ ही बच्चों को पढने, याद करने के टिप्स भी दिए। कार्यक्रम आयोजक रवि गुप्ता ने कहा कि कठिन परिश्रम से कुछ भी हासिल किया जा सकता है। बच्चों के लिए यतीश की कहानी निश्चित तौर पर प्रेरणादायक रहेगी, हमें यतीश बहुत कुछ सिखाते हैं। अंत में मौजूद लोगों ने माला पहनाकर यतीश को बधाई दी। उनके साथ गोला की एक संस्था कपिलस्थ की शिप्रा खरे भी थी। कार्यक्रम में मुख्य रूप से रामचंद्र शुक्ला, निरंकार प्रसाद बरनवाल, अनूप गुप्ता, सक्षम शुक्ला, रत्ना वाजपेई, नवीन सिंह आदि मौजूद रहे।