राजा की संपत्ति पर भाजपा नेता की नजर
अभिलेखों में दर्ज कराया नाम, मंदिर व कुएं को बताया व्यक्तिगत
आलोक कुमार श्रीवास्तव
वाराणसी। भू-माफियाओं द्वारा सरकारी एवं निजी सम्पत्तियों पर अवैध कब्जा करना जैसे आम बात हो गई है। जिसको देखते हुए सूबे के मुखिया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भू-माफियाओं से सार्वजनिक भूमि को खाली कराने के साथ ही उनजे विरुद्ध कड़ी कार्यवाही किया जाए। उन्होंने कहा कि जमीन खाली कराने में आने वाले खर्च को भी भू-माफियाओं से ही वसूला जाये। परन्तु पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में तथाकथित एक भाजपा नेता जो एक स्थानीय विधायक का नजदीकी भी बताया जाता है। प्रशासन की मिली भगत से पाण्डेयपुर पंचक्रोशी मार्ग क्षेत्र के नई बस्ती इलाके में पड़ने वाली बंजर भूमि व कुंए पर अपना मालिकाना हक दर्शाने का कूटरचित प्रयास कर रहा है।
विदित हो कि काशी नरेश के पूर्वज स्व.महाराजा इसरी प्रसाद नारायण सिंह ने पाण्डेयपुर के नई बस्ती क्षेत्र में अराजी संख्या 731 में पूजा-पाठ के लिए एक शिवालय एवं कुएं का निर्माण कराया। जिसके ठीक सामने अराजी संख्या 732 बंजर भूमि 1883-84 से 3 अक्टूबर 2017 तक अभिलेखों में दर्ज है। विगत चार दशकों से दुर्गा पूजा समिति नई-बस्ती द्वारा दुर्गा पूजा के उपरांत बनने वाले पंडाल का बांस, बल्ली सहित अन्य सामान रखते चले आये। वहीं क्षेत्रीय लोगों के धार्मिक आयोजन, शादी इत्यादि होते रहे हैं। परन्तु 4 अक्टूबर 2017 को स्थानीय प्रशासन की मिली भगत से अराजी संख्या 731 के स्वामी चम्मन, रामू व रामजी पुत्र रामखेलावन व पन्नालाल का नाम दर्ज हो गया।
क्षेत्रीय लेखपाल की भूमिका संदिग्ध
कलेक्ट्रेट अभिलेखागार में उपलब्ध पत्रावलियों के आधार पर अराजी संख्या 731 में सार्वजनिक कुंआ व शौचालय का जिक्र किया गया है। जबकि क्षेत्रीय लेखपाल ने 14 नवम्बर 2017 को एसडीएम सदर व सीओ कैंट को भेजी गई आख्या रिपोर्ट में अराजी नम्बर 730 का जिक्र करते हुए लिखा है कि चम्मन व रामू वगैरह के नाम से संक्रमणीय भूमि अंकित है। जिस पर हनुमान जी का मन्दिर स्थित है। मन्दिर के पीछे कुछ लोगों द्वारा दुर्गापूजन आयोजन में लगे बांस-बल्ली रखे जाने का जिक्र किया है और अराजी संख्या 731 को सड़क में समाहित होना दर्शाया है। जबकि कलेक्ट्रेट अभिलेखागार के अभिलेखों में अराजी संख्या 731 में कुआं और मंदिर दर्शाया गया है। उक्त रिपोर्ट से स्वतः स्पष्ट है कि क्षेत्रीय लिखपाल द्वारा अभिलेखों के तथ्यों को छिपाते हुए अपनी रिपोर्ट एसडीएम सदर व सीओ कैंट को सौंपी गई है।
स्थानीय पुलिस की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह
अपर जिला मजिस्ट्रेट नगर द्वारा मांगी गई जानकारी में पाण्डेयपुर पुलिस चौकी प्रभारी द्वारा मंदिर व उससे सटे हुए कुएं का जिक्र के साथ ही दुर्गा पूजा समिति का बांस-बल्ली स्थानीय जनता द्वारा रखे जाने की बात की है। बावजूद इसके तथाकथित भाजपा नेता द्वारा दिये गए प्रार्थना पत्र के आधार पर 29 जनवरी 2018 को दुर्गापूजा समिति के पदाधिकारियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 107, 116 सीपीसी के तहत कार्यवाही किये जाने की बात स्वीकार की गई है। यहां पुलिस द्वारा की गई कार्यवाही से स्पष्ट होता है कि पाण्डेयपुर पुलिस चौकी प्रभारी ने भी पत्रावलियों का अवलोकन किये बिना एक पक्षीय कारवाही की गई है।