न्याय के लिए भटक रहे सैनिक के पिता
एक तरफ देश की सेना जो देश की सीमा पर देश की रक्षा के लिये अपनी प्राणों की आहुति देने के लिये तैयार रहती है। वहीं दूसरी ओर यदि किसी सैनिक की सम्पति में धोखाधड़ी की जाय व उसके पिता न्याय के लिये दर-दर भटके तो इससे बड़ी शर्मनाक घटना क्या हो सकती है। बारामूला कश्मीर में सीआरपीएफ के सैनिक के रूप में तैनात बनियाबांध बबूरहनी रसड़ा निवासी अशोक सिंह के पिता भरत सिंह के साथ ऐसा ही वाक्या घटित हुई है। श्री सिंह के पिता अपने पुस्तैनी भूमि पर नाम चढ़वाने व धोखाधड़ी कर उनका नाम हटाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर महिनों से दर-दर भटक रहे है। लेकिन उन्हें अब तक न्याय नही मिला पाया है। जिलाधिकारी बलिया व कई तहसील दिवसों पर अपनी भूमिधरी की जमीन पर कूटरचना कर उनका नाम हटा दिये जाने का आरोप लगाते हुए शुद्घिकरण कर उनका नाम पुन: राजस्व अभिलेखों में दर्ज करने तथा दोषीजनों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।